Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Mar 2025 · 1 min read

कुंडलिया. . . . होली

कुंडलिया. . . . होली

होली पर पी कर करे, हर कोई हुड़दंग ।
नर नारी में व्याप्त है, मस्ती भरी उमंग ।
मस्ती भरी उमंग , नशे में नाचें सारे ।
मर्यादा को तोड़, आँख से करें इशारे ।
भला किसे अब ध्यान , रंग में भीगी चोली ।
छोड़ो भी तकरार, आज बस खेलो होली ।

सुशील सरना / 13-3-25

Loading...