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10 Apr 2024 · 1 min read

* शक्ति स्वरूपा *

** गीतिका **
~~
शक्ति स्वरूपा हर बाला है, दुर्गा की अवतार।
कर में लिए त्रिशूल सामने, देवी ज्यों साकार।

सघन केश हैं शीश सुसज्जित, नेत्र तीसरा भाल।
कानों में कुण्डल मनभावन, गले स्वर्ण का हार।

सबको सहज करे आकर्षित, अधरों की मुस्कान।
बाल रूप मां का अति पावन, निश्छल है आधार।

हर बेटी का दिव्य रूप यह, मन को लेता मोह।
ऐसी कन्याओं से होते, सुखी सभी परिवार।

अखिल विश्व को नवरात्रि का, है यह शुभ संदेश।
सभी संजोकर रखें अपनी, संस्कृति के संस्कार।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १०/०४/२०२४

1 Like · 1 Comment · 172 Views
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