Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 2 min read

कैसे छपेगी किताब मेरी???

मैं कोई प्रसिद्ध कवि नहीं हूँ
न हीं कोई लोकप्रिय लेखक हूँ
पर..हाँ मुझे लिखना पसंद है
विविध विषयों पर
चिड़िया पर, आकाश पर,
पानी पर, मनुज पर, स्त्री पर
और भी अन्य विषयों पर
इसलिए अकसर मैं,
लिखता रहता हूँ
और..
लिखता रहता हूँ
कुछ लोग कहते हैं कि
तुम अच्छा लिखते हो
अपनी एक किताब कोई
छपवा लो…
फिर उठती है एक ललक
कि..मैं भी छपवाऊँ
कोई किताब अपनी
और करता हूँ फिर
संपर्क प्रकाशकों से
लेकिन जिस उछाह से
मैं कोशिश करता हूँ
उतने ही उछाह से
वह कोशिश मंद पड़ जाती है
उन्-बीस हजार दीजिए
और छपवाइए अपनी
आकर्षक किताब
दस हजार में छाप देंगे हम
आपकी किताब को
और बना देंगे कुछ ही
दिनों में लोक प्रसिद्ध साहित्यकार
हमारे यहाँ छपवाइए..
हम मात्र नौ हजार में छाप देंगे
और आपकी किताब पढ़ी जाएगी
विदेशों में भी
पर…
किताब छपवाली तो
महीने के खर्च का क्या होगा?
उन मासिक किस्तों का
क्या होगा?
जो लिए थे पैसे
पत्नी की बीमारी पर
कोरोना में रुकती अपनी साँसों को
दुरुस्त करने के लिए
चलो, अभी रहने देते हैं
पैसे जोड़ते हैं एक-एक
और फिर छपवाते हैं
अपनी किताब…वो भी आकर्षक
* * ……………………………***
लो जी ये हो गए नौ हजार
बहुत खुशी है मन में
क्योंकि अब मैं अपनी किताब
छपवाने वाला हूँ
और प्रसिद्ध लेखक या कवि
बनने वाला हूँ
आज शाम को करता हूँ बात
प्रकाशक से…तभी…
सुनते हो जी…
अबकि बार एडमिशन के
पैसे जाएँगे बीच वाले के
दम बैठ जाता है
पूछता हूँ..कब…और कितने
रसोई में बरतन खड़काती श्रीमती
बताती है..भूल गए बताया तो था
कल ही तो जाने हैं…चार हजार..
क्या….और छन से टूट जाता है
लेखक बनने का सपना
वो भी लोकप्रिय लेखक होने का
चलो..नौ में से पाँच तो फिर भी हैं
सांत्वना देता हूँ मन को
पहले पाँच हजार दे दूँगा प्रकाशक को
चार की बात बाद में….तभी
आता है पापा जी कहता हुआ छोटा लड़का
पापा..आज मेरा कोर्स जरूर ले आइयो
वरना टीचर..कर देंगी बाहर खड़ा कल फिर
कक्षा के..
याद आया..दस दिन से रोज
वादा कर रहा हूँ
कोर्स लाने का
कितने का होगा लगभग
लगभग कुछ नहीं पापा..
तीन-चार हजार से कम नहीं आएगा
कहकर वो तो बाहर चला जाता है
लेकिन तोड़ जात है छन से
फिर मेरा सपना बनने का
एक प्रसिद्ध कवि…या…एक लोकप्रिय लेखक!

सोनू हंस

Language: Hindi
1 Like · 66 Views

You may also like these posts

हर जरूरी काम ढंग से होने चाहिए...
हर जरूरी काम ढंग से होने चाहिए...
Ajit Kumar "Karn"
जीवन का खेल
जीवन का खेल
Sudhir srivastava
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
Rachana
।। द्वंद्व।।
।। द्वंद्व।।
Priyank Upadhyay
आया नूतन वर्ष जब, झूम रहे अरकान |
आया नूतन वर्ष जब, झूम रहे अरकान |
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
इश्क़ किया नहीं जाता
इश्क़ किया नहीं जाता
Surinder blackpen
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
आस्था का महापर्व:छठ
आस्था का महापर्व:छठ
manorath maharaj
#अपनाएं_ये_हथकंडे...
#अपनाएं_ये_हथकंडे...
*प्रणय*
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
Rituraj shivem verma
इच्छाओं को  अपने मार नहीं।
इच्छाओं को अपने मार नहीं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#वचनों की कलियाँ खिली नहीं
#वचनों की कलियाँ खिली नहीं
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
सत्य कुमार प्रेमी
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"पसंद और प्रेम"
पूर्वार्थ
देश है तो हम हैं
देश है तो हम हैं
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
आजाद ...
आजाद ...
sushil sarna
2782. *पूर्णिका*
2782. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब दिल टूटता है
जब दिल टूटता है
VINOD CHAUHAN
बचपन अपना अपना
बचपन अपना अपना
Sanjay ' शून्य'
मूक निमंत्रण
मूक निमंत्रण
शशि कांत श्रीवास्तव
बेकद्रों की सोहबत से
बेकद्रों की सोहबत से
Chitra Bisht
चांद देखा
चांद देखा
goutam shaw
sp120 कौन सी ऎसी/सच की कलम
sp120 कौन सी ऎसी/सच की कलम
Manoj Shrivastava
खुरदरे हाथ
खुरदरे हाथ
आशा शैली
ऐसे साथ की जरूरत
ऐसे साथ की जरूरत
Vandna Thakur
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
"क्रोध"
Dr. Kishan tandon kranti
बचपन मिलता दुबारा🙏
बचपन मिलता दुबारा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...