Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2024 · 1 min read

जिंदगी है बहुत अनमोल

जिंदगी है बहुत अनमोल, करें बर्बाद क्यों इसको।
निराशा- हताशा भरकै, करें गुमनाम क्यों इसको।।
जिंदगी है बहुत अनमोल ————————।।

हसीन मुखड़ों की महफ़िल में, रोशनी नहीं है असली।
सिर्फ पलभर की मस्ती में, करें गुमराह क्यों इसको।।
जिंदगी है बहुत अनमोल ————————।।

बहुत बेरहम दिल की है, इठलाती रंगीन कलियाँ।
इनको बाँहों में भरकर, करें बदनाम क्यों इसको।।
जिंदगी है बहुत अनमोल ————————।।

सफर में हो चाहे तन्हा, लेकिन सफर हो नेकी का।
मुश्किलें भी हार जाती है, करें उदास क्यों इसको।।
जिंदगी है बहुत अनमोल ————————।।

जिंदगी है अगर जिन्दा, ख्वाब भी जिन्दा होंगे।
एक ख्वाब टूट जाने से, करें बेजान क्यों इसको।।
जिंदगी है बहुत अनमोल ————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

1 Like · 278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पकड़कर हाथ छोटा बच्चा,
पकड़कर हाथ छोटा बच्चा,
P S Dhami
कमला हैरिस ज़िंदाबाद
कमला हैरिस ज़िंदाबाद
*प्रणय प्रभात*
दोहा ग़ज़ल
दोहा ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
वह मुझे चाहता बहुत तो था
वह मुझे चाहता बहुत तो था
Shweta Soni
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
surenderpal vaidya
*माॅं की चाहत*
*माॅं की चाहत*
Harminder Kaur
इंसान बनने के लिए
इंसान बनने के लिए
Mamta Singh Devaa
इश्क - इश्क बोल कर
इश्क - इश्क बोल कर
goutam shaw
ग़ज़ल _ आराधना करूं मैं या मैं करूं इबादत।
ग़ज़ल _ आराधना करूं मैं या मैं करूं इबादत।
Neelofar Khan
आने वाला कल
आने वाला कल
Dr. Upasana Pandey
खड़ा हुआ जाकर स्वर्ग के द्वार
खड़ा हुआ जाकर स्वर्ग के द्वार
डॉ सुरेश जांगिड़
अगर मांगने से ही समय और प्रेम मिले तो क्या अर्थ ऐसे प्रेम का
अगर मांगने से ही समय और प्रेम मिले तो क्या अर्थ ऐसे प्रेम का
पूर्वार्थ देव
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मेरा प्यार बस्ता
मेरा प्यार बस्ता
shashisingh7232
आज बच्चों के हथेली पर किलकते फोन हैं।
आज बच्चों के हथेली पर किलकते फोन हैं।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
मेरे घर की दीवारों के कान नही है
मेरे घर की दीवारों के कान नही है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
अश्विनी (विप्र)
आज दिन है कल रात भी होगी  ना हो उदास कभी बात भी होगी
आज दिन है कल रात भी होगी ना हो उदास कभी बात भी होगी
Aisha mohan
गुरु
गुरु
Dr. Bharati Varma Bourai
मैने वक्त को कहा
मैने वक्त को कहा
हिमांशु Kulshrestha
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
*तन - मन मगन मीरा जैसे मै नाचूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वक्त काटना चाहो
वक्त काटना चाहो
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
3969.💐 *पूर्णिका* 💐
3969.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल (बिन रोशनाई लिख दी ज्यो चाँद ने रुबाई)
ग़ज़ल (बिन रोशनाई लिख दी ज्यो चाँद ने रुबाई)
डॉक्टर रागिनी
गुलाम और मालिक
गुलाम और मालिक
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ग्रन्थ
ग्रन्थ
Satish Srijan
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
शेखर सिंह
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
Rambali Mishra
सत्य की पूजा होती है
सत्य की पूजा होती है
Ghanshyam Poddar
Loading...