जिंदगी की राहों में, खुशियों की बारात हो,
कुछ दोहे मनके
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने।
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
प्रेम कोई भी कर सकता है पर हर कोई निभा नहीं पाता
अक्सर ज़रूरतें हमें एक - दूसरे के पास लाती है।
बुद्ध रूप में गुरू बन गये
एक अविरल प्रेम कहानी थी जब अग्नि कुंड में कूद पड़ी मां भवानी थी
विश्व कविता दिवस पर हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'