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17 Mar 2024 · 1 min read

वो अजनबी झोंका

ये कौन सा हवा का झोंका था ? जो मुझे छू गया ,
सोते दिल में इक एहसास सा जगा गया ,

कुछ भूले-बिसरे लम़्हों की याद दिला गया ,
ज़ेहन में धुंधली पड़ी तस्वीरों को साफ कर गया ,

दिल में इक अजब सी लहर उठा गया ,
सोज़ ए -दिल की इक चिंगारी सी भड़का गया ,

इस कशमकश भरी ज़िंदगी में ,
आस की इक रोशन शु’आ’ का आग़ाज़ कर गया ।

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