Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2024 · 1 min read

ग़म

ग़म तो हर कोई लिखता है
हम खुशी लिखते है
चाहे आँखों में हो उदासी
होठों पे हंसी रखते है ….ShabinaZ

Language: Hindi
1 Like · 150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all

You may also like these posts

आ
*प्रणय प्रभात*
नशा
नशा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
दोहा छंद भाग 2
दोहा छंद भाग 2
मधुसूदन गौतम
नहीं याद रखना
नहीं याद रखना
Chitra Bisht
दिलचस्प (लघुकथा)
दिलचस्प (लघुकथा)
Indu Singh
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*बेटे भी प्यारे होते हैं*
*बेटे भी प्यारे होते हैं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
माँ
माँ
Dr.Archannaa Mishraa
sp66 लखनऊ गजब का शहर
sp66 लखनऊ गजब का शहर
Manoj Shrivastava
पनघट
पनघट
Kanchan Advaita
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
guru saxena
जीवन है ये छोटा सा
जीवन है ये छोटा सा
प्रदीप कुमार गुप्ता
वफ़ा से रौशन, हुआ मेरा घर ,
वफ़ा से रौशन, हुआ मेरा घर ,
Neelofar Khan
शबरी की भक्ति
शबरी की भक्ति
Indu Nandal
तेरा चहेरा नज़र आता है
तेरा चहेरा नज़र आता है
Sonu sugandh
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
Rituraj shivem verma
*सड़‌क को नासमझ फिर भी, छुरी-ईंटों से भरते हैं (मुक्तक)*
*सड़‌क को नासमझ फिर भी, छुरी-ईंटों से भरते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
" कविता और प्रियतमा
DrLakshman Jha Parimal
*Beauty*
*Beauty*
Veneeta Narula
Don’t ever forget that you can:
Don’t ever forget that you can:
पूर्वार्थ
सादगी
सादगी
Sudhir srivastava
"समझाइश"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रीतम दोहावली- 2
प्रीतम दोहावली- 2
आर.एस. 'प्रीतम'
आज हमारे भी सपनों ने
आज हमारे भी सपनों ने
Shinde Poonam
"अधूरा रिश्ता"
Yogendra Chaturwedi
शुक्रिया
शुक्रिया
MEENU SHARMA
खिलौना बना आदमी देखिए
खिलौना बना आदमी देखिए
संजय निराला
जो चलाता है पूरी कायनात को
जो चलाता है पूरी कायनात को
shabina. Naaz
मंजिल नहीं जहां पर
मंजिल नहीं जहां पर
surenderpal vaidya
दूसरे में गलती ढूंढने के बजाय हमें स्वयं के अंदर खोज करना चा
दूसरे में गलती ढूंढने के बजाय हमें स्वयं के अंदर खोज करना चा
Ravikesh Jha
Loading...