थक गये चौकीदार

रात दिना कर चौकीदारी, थक गये चौकीदार l
चोर माफिया ठग जितने सब, अब बन गये हैं परिवार ll
था चार सौ का जब सिलेण्डर, करते थे लुंगी डांस ll
अब महगांई पे बात करो तो, फूलन लागत सांस ll
पचास किलो से यूरिया, हो गयी पैंतालिस केजी l
रोजगार तो सपना हो गयो, फिर पेपर लीकी सीखी ll
करे बतकही चौराहे पर, योगीराज महान l
लेकिन साढ़न ने गेंहू चर लै, का खंय्ये साल तमाम ll
चौकीदारी मंहगी पढ़ रही, का करिये करतार l
घर में लड़का रडुआ घूमत, नाई हो रहें ब्याह ll
रात-दिना सपना देखा हैं, हिंदू राष्ट्र बनेगा।
अपनी भी गिनती कर लेना, क्या चूना फांकेगा।।
बाबा जी को क्या खोना हैं, न कुछ आगे पीछे।
महंगाई की मार झेलकर, निपरोगे फिर खींसे।।
लोधी श्यामसिंह राजपूत तेजपुरिया
कानपुर देहात उत्तर प्रदेश
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श्याम सिंह लोधी तेजपुरिया