Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Feb 2024 · 1 min read

बुझे अलाव की

बुझे अलाव की
गर्म राख का ताप
ज़ख्म के जलने की
उम्र बता देता है

अतुल “कृष्ण”

130 Views
Books from Atul "Krishn"
View all

You may also like these posts

हम राज़ अपने हर किसी को  खोलते नहीं
हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
Dr Archana Gupta
राम
राम
Madhuri mahakash
मानवता का मुखड़ा
मानवता का मुखड़ा
Seema Garg
"यात्रा पर निकलते समय, उन लोगों से सलाह न लें जिन्होंने कभी
पूर्वार्थ
वो आँखें
वो आँखें
Kshma Urmila
रिसते रिश्ते
रिसते रिश्ते
Arun Prasad
पिता का यूं चले जाना,
पिता का यूं चले जाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
हीरा बेन का लाल
हीरा बेन का लाल
Dr. P.C. Bisen
श्री रामप्रकाश सर्राफ
श्री रामप्रकाश सर्राफ
Ravi Prakash
एक तमाशा है
एक तमाशा है
Dr fauzia Naseem shad
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
ये जो तुम कुछ कहते नहीं कमाल करते हो
Ajay Mishra
” कभी – कभी “
” कभी – कभी “
ज्योति
शिक्षक
शिक्षक
Kanchan verma
संवेदनाएं जिंदा रखो
संवेदनाएं जिंदा रखो
नेताम आर सी
मुझे जागना है !
मुझे जागना है !
Pradeep Shoree
हमारी रूह ले गए हो।
हमारी रूह ले गए हो।
Taj Mohammad
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
श्रीहर्ष आचार्य
हम जब लोगों को नहीं देखेंगे जब उनकी नहीं सुनेंगे उनकी लेखनी
हम जब लोगों को नहीं देखेंगे जब उनकी नहीं सुनेंगे उनकी लेखनी
DrLakshman Jha Parimal
मित्र वही जो वक्त पर,
मित्र वही जो वक्त पर,
sushil sarna
छंद मुक्त काव्य?
छंद मुक्त काव्य?
Rambali Mishra
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
बित्ता-बित्ता पानी
बित्ता-बित्ता पानी
Dr. Kishan tandon kranti
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
जहां सत्य है वहां पवित्रता है, प्रेम है, एक आत्मिक शांति और
Ravikesh Jha
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
#मेरे नयनों के उजियारे
#मेरे नयनों के उजियारे
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
बहन भी अधिकारिणी।
बहन भी अधिकारिणी।
Priya princess panwar
"सम्मान व संस्कार व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी अस्तित्व में र
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
manorath maharaj
Loading...