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17 May 2024 · 1 min read

जल का अपव्यय मत करो

“जल का अपव्यय मत करो”

कविता

जल की है हर बूंद कीमती,
करिये मत अपव्यय जल का

“जल” है हम सबका कल है
बिना इसके जीवन तिनका

पानीं इक बूँद की कीमत
सौ सौ गुना बढ़ जाती है,

जब बादल की गोदसे उतरकर
सीप के मुॅंह मे समाती है

संचय जल का बहुत जरूरी
खेतों के लिए वरदान है,

बहने दिया जिसनें वर्षा का पानीं
समझो, कृषक वह बिल्कुल अज्ञानी,

बंजर भूमि पर खोद तालाब
वर्षा के जल को करें एकत्र

सूखे से निपटने की युक्ति
हरियाली फैले चहुँ सर्वत्र

जल का अपव्यय अब न हो
करिये दृढ़ संकल्प

जल संरक्षण बहुत जरूरी
दूजा नहीं विकल्प,

डॉ कुमुद श्रीवास्तव वर्मा कुमुदिनी लखनऊ

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