Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Feb 2024 · 1 min read

“सन्त रविदास जयन्ती” 24/02/2024 पर विशेष …

माँ कलसांं, सँतोख पितु, जनमु बनारस पास,
पत्नी, लोना नाम की, पुत्र, श्री विजयदास।।

माघ पूर्णिमा, रवि दिवस, प्रगटे “श्री रविदास”
गुन पूजै, नहिँ जाति कौ, जगि दलितन महँ आस।।

कोउ भनत रोहिदास उन्हिँ, कहत कोउ रैदास,
कीन्हि भक्ति भगवान की, कीरति छुअत अकास।।

चर्मकार कै काम कौ, अपनायौ भलि आप,
सबन्हि धरमु की सीख दै, दूर भगायौ पाप।।

जिनकै मन निष्ठा बसी, प्रीति अटल बिस्वास,
ऊँच नीच कौ भेद नहिं, तिन्ह हरि पूरत आस।।

जाति-पाँति कौ ह्रदय ते, दुस्मन अपुनो जान,
सीख दई “रविदास” ने, ब्यर्थ जगत अभिमान ll

धर्म अन्तरण की प्रथा, को कीन्हों प्रतिकार,
आडम्बर, बैरी समझ, दीन्हों पँथ विचार।।

कहा भयो तीरथ किये, मन माँ कलुष महान,
चित्त अगर निर्मल भयो, गंग कठौती मान ll

जग भलि करम प्रधान पै, होय न मनुज निरास,
मारग उत्तम प्रेम कौ, कहि गए ” आशादास “..!

##———–##———–##———–##——-

Language: Hindi
9 Likes · 16 Comments · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all

You may also like these posts

तिजारत
तिजारत
ओनिका सेतिया 'अनु '
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
शेखर सिंह
क्यों तेरी तसवीर को दिल में सजाया हमने
क्यों तेरी तसवीर को दिल में सजाया हमने
Jyoti Roshni
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
वो रंगीन स्याही भी बेरंग सी नज़र आयेगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैने सूरज की किरणों को कुछ देर के लिये रोका है ।
मैने सूरज की किरणों को कुछ देर के लिये रोका है ।
अश्विनी (विप्र)
सावन का मेला
सावन का मेला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
A mans character on social media.
A mans character on social media.
पूर्वार्थ
।
*प्रणय प्रभात*
महा शिवरात्रि क्यों मनाते है
महा शिवरात्रि क्यों मनाते है
Ram Krishan Rastogi
डॉ Arun Kumar शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ Arun Kumar शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
उन्नति का जन्मदिन
उन्नति का जन्मदिन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।
गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।
Kumar Kalhans
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
4800.*पूर्णिका*
4800.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मरने को थे मरने वाले
मरने को थे मरने वाले
Jitendra kumar
हमारे ख्याब
हमारे ख्याब
Aisha Mohan
धड़कने अब मेरी मेरे बस में नही
धड़कने अब मेरी मेरे बस में नही
कृष्णकांत गुर्जर
कनक मंजरी छंद
कनक मंजरी छंद
Rambali Mishra
यह  दिखावे की दुनिया है जनाब,
यह दिखावे की दुनिया है जनाब,
Radha Bablu mishra
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
- गहरी खामोशी है मेरी -
- गहरी खामोशी है मेरी -
bharat gehlot
जीवन - अस्तित्व
जीवन - अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
"वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों
Sakshi Singh
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
प्रदूषण
प्रदूषण
Pushpa Tiwari
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
ग़ज़ल _ खुदगर्जियाँ हावी हुईं ।
Neelofar Khan
गुरु ही वर्ण गुरु ही संवाद ?🙏🙏
गुरु ही वर्ण गुरु ही संवाद ?🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
Ravi Prakash
Loading...