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11 Jun 2024 · 1 min read

“वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों

“वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों ने बंधी हैं।
हम निखर गए तो रिश्ते बिखर जाएंगे, हम बिखर गए तो ये रिश्ते खुद पर खुद चले जाएंगे।”

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