Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

अरमान ए दिल।

टूटकर अरमान ए दिल बिखर गए है।
अब हम उनसे क्या कुछ कहे जो बेवफा बन गए।।1।।

वो दिल तोड़कर तोहमत भी दे रहे है।
नादा थे हम जो उनके वादे पर अकीदा कर गए।।2।।

मुंतजर हूं शायद वो वापस आ जाए।
वफा करने की हमें जो अपनी झूठी जुबां दे गए।।3।।

अश्क ना आए लब भी ना मुस्कुराए।
खुशियों के समन्दर को गमों का सेहरा कर गए।।4।।

सब छोड़ के आए थे पहलू में उनके।
वादा था हंसाने का पर वो हमको रुला कर गए।।5।।

कोशिशें हमने बड़ी की रिश्ता ना टूटे।
पर एक वो है खुदा से बर्बादी की दुआ कर गए।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

कमल
कमल
विशाल शुक्ल
मेरा गांव
मेरा गांव
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सृजन
सृजन
Sudhir srivastava
*सर्दी*
*सर्दी*
Dushyant Kumar
विश्वास
विश्वास
meenu yadav
*प्यार या एहसान*
*प्यार या एहसान*
Harminder Kaur
जन्म :
जन्म :
sushil sarna
दोस्ती क्या है
दोस्ती क्या है
VINOD CHAUHAN
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
Otteri Selvakumar
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
"गोहार: आखिरी उम्मीद की"
ओसमणी साहू 'ओश'
"पंचतंत्र" में
*प्रणय प्रभात*
औरत औकात
औरत औकात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ब उर्दू ,अदब उर्दू , वतन की जान है उर्दू
ग़ज़ब उर्दू ,अदब उर्दू , वतन की जान है उर्दू
Neelofar Khan
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३)
Kanchan Khanna
आंखों में मुस्कान बसी है
आंखों में मुस्कान बसी है
Seema gupta,Alwar
नारी...तू आइना है।
नारी...तू आइना है।
S.V. Raj
बेसब्री
बेसब्री
PRATIK JANGID
शीर्षक -पिता दिये की बाती हैं!
शीर्षक -पिता दिये की बाती हैं!
Sushma Singh
कोई ख़तरा, कोई शान नहीं
कोई ख़तरा, कोई शान नहीं"
पूर्वार्थ
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
3804.💐 *पूर्णिका* 💐
3804.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पानी जैसा बनो रे मानव
पानी जैसा बनो रे मानव
Neelam Sharma
नवचेतना
नवचेतना
संजीवनी गुप्ता
कविता
कविता
Rambali Mishra
"मत भूलना"
Dr. Kishan tandon kranti
आज भी इंतज़ार है उसका,
आज भी इंतज़ार है उसका,
Dr fauzia Naseem shad
हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं तो यकीन माने दुआएं भी मुस
हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं तो यकीन माने दुआएं भी मुस
ललकार भारद्वाज
कर्णधार
कर्णधार
Shyam Sundar Subramanian
आओ दिसम्बर को रुखसत करें
आओ दिसम्बर को रुखसत करें
इशरत हिदायत ख़ान
Loading...