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12 May 2024 · 1 min read

मेरा गांव

मेरा गांव
कितनी बातें, कितनी यादें, सोच सोच के आंखें नम हो गई,
बूढ़ा बरगद पेड़ वहीं है, गांव वहीं, बस मैं कहां खो गया
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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