हुआ सबेरा प्राची है मुस्काई
हुआ सबेरा प्राची है मुस्काई
नजर मिली फूलो से उसकी
मन मे रति भर आयी
हुई प्रीति सूरज कलियो से
भौरे ने आकर बात बताई
नजर पडी चिडियो की जब तो
देखा प्रेम मगन दोनो को
घूम घूम कर गीत सुनाई
पता चला जब शीत पवन को
बहने लगी सुंदर पुरवाई
प्रेम मगन हो उठा सूर्य है
दिखने लगी सुखद तरुणाई
कर से स्पर्श करे कलियो को
कोयल को यह बात सुहाई
मगन मुदित है कोकिल देखो
सुन्दर गीत डाली पर गाई
बात चली जब दोनो के प्रेम की
भौरों ने आकर बात बताई।
वन वसंत सब फूले झूले
प्रकृति भरी यौवन तरुणाई।।
विन्ध्यप्रकाशमिश्रविप्र
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