Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

* बडा भला आदमी था *

काफिला चला जा रहा था
मै उसके संग
चलने की कोशिश कर रहा था
वो बढ़ता ही जा रहा था
मुझे पीछे छोड़ते हुए
किसी एक ने भी
पीछे मुड़कर नही देखा
कि मैं कैसे कहाँ था
आशा मुझे भी थी कि
कोई साथ मुझे ले चले
मै पिछड़ता जा रहा था
पर किससे
अपनों और
अपने काफिले से
मैने लाख कोशिश की
साथ चलने की पर
साथ देने वाला न मिला
काश ये काफिला रुकता
और
मुझे अपने संग ले चलता
इस उम्मीद में
मै छला जा रहा था पर
मुझसे और नही
चला जा रहा था
लोग समझ रहे थे
मै नाटक कर रहा था
पर ये जमीनी
हकीकत थी
लोग चलते रहे
मै जलता रहा
भीतर की
अनदेखी आग से
कब जलकर
मै राख हो गया
मुझे भी ना पता चला
लोग मेरी राख से
खेल रहे थे होली
तभी पास खड़ी
एक मोहतरमा बोली
बडा भला आदमी था
जिसकी आज
राख यहां फैली है
मै अवाक् देखता रहा
कभी उसके चेहरे को
कभी
उस ठण्डी होती राख को ।……
….💐मधुप” बैरागी.”

Language: Hindi
172 Views
Books from भूरचन्द जयपाल
View all

You may also like these posts

एक क्षणिका :
एक क्षणिका :
sushil sarna
4811.*पूर्णिका*
4811.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
দৃশ্যপট
দৃশ্যপট
Sakhawat Jisan
है प्रीत बिना  जीवन  का मोल  कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
"सूखा सावन"
राकेश चौरसिया
मरूधर रा मिनखं
मरूधर रा मिनखं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा
दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा
manorath maharaj
अधूरे ख्वाब
अधूरे ख्वाब
ओनिका सेतिया 'अनु '
"शून्य"
Dr. Kishan tandon kranti
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
रण चंडी
रण चंडी
Dr.Priya Soni Khare
जनता की कैसी खुशहाली
जनता की कैसी खुशहाली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
समंदर
समंदर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्यारी प्यारी सी
प्यारी प्यारी सी
SHAMA PARVEEN
21. Tale of An Eve
21. Tale of An Eve
Ahtesham Ahmad
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
Rituraj shivem verma
आओ मिलन के दीप जलाएं
आओ मिलन के दीप जलाएं
भगवती पारीक 'मनु'
नए साल तुम ऐसे आओ!
नए साल तुम ऐसे आओ!
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
तू शबिस्ताँ सी मिरी आँखों में जो ठहर गया है,
तू शबिस्ताँ सी मिरी आँखों में जो ठहर गया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ लोग
कुछ लोग
Shweta Soni
मै खामोश हूँ ,कमज़ोर नहीं , मेरे सब्र का इम्तेहान न ले ,
मै खामोश हूँ ,कमज़ोर नहीं , मेरे सब्र का इम्तेहान न ले ,
Neelofar Khan
" अहम से वहम तक ,, ( The mental troma ) Part 1😞😞
Ladduu1023 ladduuuuu
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
लाख बुरा सही मगर कुछ तो अच्छा हैं ।
Ashwini sharma
रात स्वप्न में दादी आई।
रात स्वप्न में दादी आई।
Vedha Singh
मत कहना ...
मत कहना ...
SURYA PRAKASH SHARMA
कोमलता
कोमलता
Rambali Mishra
नजरिया
नजरिया
पूर्वार्थ
** सुख और दुख **
** सुख और दुख **
Swami Ganganiya
10. *असम्भव नहीं कुछ*
10. *असम्भव नहीं कुछ*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Loading...