Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2024 · 1 min read

राहुल की अंतरात्मा

पापा !
तथागत की संज्ञा से आप
आज तक मुक्त न हो सके
यही नहीं, संभवत:
आनेवाली पीढ़ी भी , शायद
आपको यही इसी नाम से जाने ।

पापा !
आपको तो आमंत्रण मिला था
नीति से, प्रकृति से
जीवन का उद्धार करने
प्राणियों का परोपकार करने
उनकी पीड़ा हरने
न कि किसी को दुख देने ।

धराधाम ने आपका अभिषेक किया था
जब आपको ज्ञान मिला था
पीपल की छांव में
बिहार के गया गांव में
बुद्ध बनकर आए, फिर चल दिए
मम्मी का हाथ पकड़े थे
आप मेरे भी हाथ पकड़ मुझे घुमाते
मैं भी आपके हाथ पकड़ आपको घुमाते
पक्षी को बचाने देवव्रत से लड़ गए थे
मम्मी और मैं आपके बिना रह गए थे।
************************************
@मौलिक रचना घनश्याम पोद्दार
मुंगेर

Language: Hindi
164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ghanshyam Poddar
View all

You may also like these posts

20
20
अश्विनी (विप्र)
नारी को शून्य से परिभाषित कर...
नारी को शून्य से परिभाषित कर...
अदिति शर्मा "अदित्रि"
हाय रे गर्मी
हाय रे गर्मी
अनिल "आदर्श"
काश मेरी फूलों वाली दुकान होती..
काश मेरी फूलों वाली दुकान होती..
Vishal Prajapati
कलियुगी महाभारत
कलियुगी महाभारत
Mukund Patil
बिटिया प्यारी
बिटिया प्यारी
मधुसूदन गौतम
विरह व्यथा
विरह व्यथा
Meenakshi Madhur
हिंदु कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीने को साल का 12 वाँ और अं
हिंदु कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन महीने को साल का 12 वाँ और अं
Shashi kala vyas
फूलों की बात हमारे,
फूलों की बात हमारे,
Neeraj Kumar Agarwal
आओ बाहर, देखो बाहर
आओ बाहर, देखो बाहर
जगदीश लववंशी
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
बेपरवाह खुशमिज़ाज़ पंछी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"श्री शक्ति साधना साहित्य सम्मान" से रूपेश को नवाज़ा गया'
रुपेश कुमार
हरियाली तीज
हरियाली तीज
Rambali Mishra
" लक्ष्य "
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
भ्रम और शक ( संदेह ) में वही अंतर है जो अंतर धुएं और बादल मे
भ्रम और शक ( संदेह ) में वही अंतर है जो अंतर धुएं और बादल मे
Rj Anand Prajapati
.... मन की पीर....
.... मन की पीर....
rubichetanshukla 781
थोड़ा और
थोड़ा और
Varun Singh Gautam
ज़िंदगी की दौड़
ज़िंदगी की दौड़
Dr. Rajeev Jain
धर्म भगदड़ / मुसाफिर बैठा
धर्म भगदड़ / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
काल बली है
काल बली है
Shekhar Chandra Mitra
"बदलता लाल रंग।"
Priya princess panwar
रात बसर की मैंने जिस जिस शहर में,
रात बसर की मैंने जिस जिस शहर में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चार दिनों की जिंदगी,
चार दिनों की जिंदगी,
sushil sarna
पेड़ का दर्द
पेड़ का दर्द
Dr Archana Gupta
उल्लासों के विश्वासों के,
उल्लासों के विश्वासों के,
*प्रणय प्रभात*
"मुझे ढूँढना"
पूर्वार्थ देव
गणित
गणित
Dr. Vaishali Verma
Loading...