बारिश की बूंदे
बारिश आयी रिमझिम करती
चारों ओर हरियाली छायीं
खेत खलियान थे जब रूखे-सूखे
खेत हुए हरे-भरे फसल से
जब बारिश की बूंद गिरी
नेहरें चले और नदियां चले
मानव सुखी और जानवर सुखी
बारिश से सारा जग सुखी
जब बारिश की बूंद गिरी
किसानों को मिली सिंचाई की सुविधा
बारिश से जब फसल लहराई
किसान हुए बारिश से प्रफुल्लित
जब बारिश की बूंद गिरी
पेड़ पौधों की डालियाँ हिली
बारिश की ठंडी लहरें चली
तब ठंडी का अनुभूत हुआ
जब बारिश की बूंद गिरी
प्रकृति में नया उजाला छाया
मौसम का अहसास हुआ तब
धरती जगमगाए हरियाली से
जब बारिश की बूंद गिरी
जाग उठे जंगल से पंछी
अपने शोहरत के शिखर से
उड़ान भरी अतिशय प्यारी
जब बारिश की बूंद गिरी
~ प्रवीण सैन नवापुरा ध्वेचा
बागोड़ा (जालोर)
Praveen sain navapura