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4 Feb 2024 · 1 min read

इजाज़त हो गर

इजाजत हो गर कुछ अर्ज कर दूँ
दो चार अल्फाज दो चार हर्फ रख दूँ
कहिए तो खुशी से पागल कर दूँ
कहिए तो सीने मे दर्द भर दूँ
ठण्डी हवाएं भी आग उगले
या के अंगारों को सर्द कर दूँ
पिघला के रख दूँ इन पत्थरों को
के नर्म फूलों को सख्त कर दूँ
न पूँछो ये फन मेरी जादूगरी का
है लफ्जों का जादू मै जो चाहे कर दूँ

(स्वरचित मौलिक रचना)
M Tiwari”Ayan”
Mob.9452184217

Language: Hindi
218 Views
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