Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2024 · 1 min read

ठोकर बहुत मिली जिंदगी में हमें

दोस्तों,
एक मौलिक ग़जझल आपकी मुहब्बतों की हवाले,,,!!

ग़ज़ल
=====

“गहरे घाव मिले ज़िंदगी में हमें,
क्यूँ जीना फिर शर्मिंदगी में हमें।
===================

मस्त थे हम अपनी ही दुनियां में,
ले आया ये नशीब गंदगी में हमें।
====================

अस्मत लूटी जा रही देखो यहाँ,
रहना नही ऐसी दरिंदगी में हमें।
===================

भगवान कहाँ है तूँ यह बता हमें,
क्या मिला है तेरी बंदगी में हमें।
===================

न अमन है न सुकून भरा चैन है,
मत मारो प्रेम की तिश्नगी में हमें।
===================

हम ठहरे “जैदि” मारे मुहब्बत के,
ठोकर बहुत मिली जिंदगी में हमें।
====================

मायने:-
बंदगी:-ईश्वर की अराधना
तिश्नगी:-प्यास

शायर:-“जैदि”
डॉ.एल.सी.जैदिया “जैदि”

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 84 Views

You may also like these posts

2786. *पूर्णिका*
2786. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आंखों में गिर गया
आंखों में गिर गया
RAMESH SHARMA
प्यार में ही तकरार होती हैं।
प्यार में ही तकरार होती हैं।
Neeraj Agarwal
भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
Vaishaligoel
तुम पथ भूल न जाना पथिक
तुम पथ भूल न जाना पथिक
Sushma Singh
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
जैसे हम,
जैसे हम,
नेताम आर सी
दीप दीवाली का
दीप दीवाली का
कुमार अविनाश 'केसर'
प्रत्येक चैंपियन कभी ना कभी नौसिखिया होता है, स्वास्थ्य आपका
प्रत्येक चैंपियन कभी ना कभी नौसिखिया होता है, स्वास्थ्य आपका
ललकार भारद्वाज
बदल रही है ज़िंदगी
बदल रही है ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
पेड़ पौधे से लगाव
पेड़ पौधे से लगाव
शेखर सिंह
*गम को यूं हलक में  पिया कर*
*गम को यूं हलक में पिया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
डॉ. दीपक बवेजा
दो दोहे
दो दोहे
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
😢आतंकी हमला😢
😢आतंकी हमला😢
*प्रणय*
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*दहेज*
*दहेज*
Rituraj shivem verma
" अकाल्पनिक मनोस्थिति "
Dr Meenu Poonia
हमारा विद्यालय
हमारा विद्यालय
आर.एस. 'प्रीतम'
प्रेम के मायने
प्रेम के मायने
Awadhesh Singh
नया मोड़
नया मोड़
Shashi Mahajan
कुछ खास रिश्ते खास समय में परखे जाते है
कुछ खास रिश्ते खास समय में परखे जाते है
Ranjeet kumar patre
चलो अब लौटें अपने गाँव
चलो अब लौटें अपने गाँव
श्रीकृष्ण शुक्ल
मंझधार
मंझधार
Roopali Sharma
दिमाग शहर मे नौकरी तो करता है मगर
दिमाग शहर मे नौकरी तो करता है मगर
पूर्वार्थ
जीवन इतना आसान कहाँ....
जीवन इतना आसान कहाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
घुंघट में
घुंघट में
C S Santoshi
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
सिर्फ विकट परिस्थितियों का सामना
Anil Mishra Prahari
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
Ravi Prakash
माटी तिहार
माटी तिहार
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...