तुम से मोहब्बत है

तुमसे मोहब्बत है मुझे , कैसे बताऊं।
कहने वाली बात को मैं,कैसे छुपाऊं।
बंधन मां बाबा का प्यार, बना है बेड़ी
जन्म का रिश्ता,पल में कैसे मिटाऊं।
वो बाप जो मुझे माने ,अपना गुरूर
उसकी पगड़ी में दाग़ मैं कैसे लगाऊं।
भाई मेरा जिसे बांधती हूं रक्षा सूत्र
तोड़ उसे ,तुम संग कैसे भाग जाऊं।
जान हूं मैं भाई की ,लाडो मां-बाप की
आशीष हो सब की तब आगे बढ़ पाऊं।
सुरिंदर कौर