Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2024 · 1 min read

गीत

गीत

तुम प्रेम समन्दर उर्मिल हो,गागर में स्नेहिल सागर हो।
तुम सहज स्नेह की रत्नावलि,अमृत घट का प्रिय नागर हो।
तुम हृदय हमेशा रहते हो,प्रिय मित्र बने विचरण करते।
तृप्त किया करते हो प्रियवर,मधु सावन बने चरण रखते।
तुम रस प्रधान मोहक रसिया,अति अनुपम मधुरिम नायक हो।
है नाम तुम्हारा “अमर प्यार”,
प्रिय रंग स्वर्ण सुखदायक हो।
तुम शोभा बनकर रहते हो,निर्मल बादल की छाया हो।
तुम प्रेम सिन्धु की लहरों में,चमकीली हीरक काया हो।
तुम मोती पन्ना रत्नाकर,मधु राग-रागिनी अमृत हो।
है हृदय तुम्हारा शुभ्र स्वच्छ,नित भव्य मनोहर शुभ कृत हो।
तुम खिले खिले अविरल प्रज्वल,देदीप्यमान अति मादक हो।
मुखड़े पर तेरे चंद्रप्रभा,मोदक मोहन हिय पालक हो।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 53 Views

You may also like these posts

"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
प्यार जताने के सभी,
प्यार जताने के सभी,
sushil sarna
पैसे कमाने के लिए दिमाग चाहिए
पैसे कमाने के लिए दिमाग चाहिए
Sonam Puneet Dubey
कदर शब्द का मतलब
कदर शब्द का मतलब
Vaishaligoel
सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि !
सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
*प्रेम भेजा  फ्राई है*
*प्रेम भेजा फ्राई है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मन की कोई थाह नहीं
मन की कोई थाह नहीं
श्रीकृष्ण शुक्ल
तेरे सांचे में ढलने लगी हूं।
तेरे सांचे में ढलने लगी हूं।
Seema gupta,Alwar
किरत  कुंवरा  आपरी , इळ  मांहे  अखियात।
किरत कुंवरा आपरी , इळ मांहे अखियात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
4661.*पूर्णिका*
4661.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
Phool gufran
संवेदना
संवेदना
Namita Gupta
"मन" भर मन पर बोझ
Atul "Krishn"
"जलन"
Dr. Kishan tandon kranti
नाकाम मुहब्बत
नाकाम मुहब्बत
Shekhar Chandra Mitra
अनजान राहें अनजान पथिक
अनजान राहें अनजान पथिक
SATPAL CHAUHAN
Men are just like books. Many will judge the cover some will
Men are just like books. Many will judge the cover some will
पूर्वार्थ
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
आदान-प्रदान
आदान-प्रदान
Ashwani Kumar Jaiswal
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
अयोध्या
अयोध्या
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
अमृतध्वनि छंद
अमृतध्वनि छंद
Rambali Mishra
सबके राम का संदेश
सबके राम का संदेश
Sudhir srivastava
बेईमान बाला
बेईमान बाला
singh kunwar sarvendra vikram
..
..
*प्रणय*
कसक
कसक
ओनिका सेतिया 'अनु '
अकेले आए दुनिया में अकेले ही तो जाना है।
अकेले आए दुनिया में अकेले ही तो जाना है।
Arvind trivedi
वादा निभाना
वादा निभाना
surenderpal vaidya
ये धुंध भी
ये धुंध भी
Ritesh Deo
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
हमेशा गिरगिट माहौल देखकर रंग बदलता है
शेखर सिंह
Loading...