दोहा त्रयी : होली
दोहा त्रयी : होली
होली के त्यौहार पर, मत करना तकरार ।
अंग -अंग में रंग का,यह करता शृंगार ।।
होली के त्यौहार पर, खूब मचे हुड़दंग ।
जिसको जैसा सूझता, मले अंग पर रंग ।।
जब-जब आता दोस्तो, होली का त्यौहार ।
अच्छी लगती फैंकनी, गौरी पर बौछार ।।
सुशील सरना / 8-7-25