Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2024 · 1 min read

कैसा अजीब है

कैसा अजीब है
ये एहसास
लगता है कभी
जिन्दगी पूरी जी ली हो जैसे
फ़िर लगता है कभी
अभी तो जिन्दगी शुरू की ही नहीं

हिमांशु Kulshrestha

212 Views

You may also like these posts

World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
दिल मेरा तोड़कर रुलाते हो ।
दिल मेरा तोड़कर रुलाते हो ।
Phool gufran
#कविता:–
#कविता:–
*प्रणय*
कल?
कल?
Neeraj Agarwal
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
ना जाने क्यों जो आज तुम मेरे होने से इतना चिढ़ती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत  माँगे ।
आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत माँगे ।
Neelam Sharma
श्री राम अयोध्या आए है
श्री राम अयोध्या आए है
जगदीश लववंशी
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
लक्ष्य
लक्ष्य
Mukta Rashmi
3965.💐 *पूर्णिका* 💐
3965.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
Ram Krishan Rastogi
"सफ़े"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
मेरी प्यारी सासू मां, मैं बहुत खुशनसीब हूं, जो मैंने मां के
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नीव मजबूत नही होती अगर
नीव मजबूत नही होती अगर
Harinarayan Tanha
अंधेर नगरी
अंधेर नगरी
Dr.VINEETH M.C
"ज्ञान रूपी दीपक"
Yogendra Chaturwedi
हर बात छुपाने की दिल से ही मिटा देंगे ....
हर बात छुपाने की दिल से ही मिटा देंगे ....
sushil yadav
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
दुनिया की हर वोली भाषा को मेरा नमस्कार 🙏🎉
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सरल स्वभाव मीठी वाणी
सरल स्वभाव मीठी वाणी
Ritu Asooja
*गाली जब होती शुरू, बहस समझिए बंद (कुंडलिया)*
*गाली जब होती शुरू, बहस समझिए बंद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
काश - दीपक नील पदम्
काश - दीपक नील पदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
अधूरी रह जाती दस्तान ए इश्क मेरी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
Neelofar Khan
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
झुक नहीं सकती
झुक नहीं सकती
surenderpal vaidya
मेरे खिलाफ वो बातें तमाम करते हैं
मेरे खिलाफ वो बातें तमाम करते हैं
पूर्वार्थ
प्रकृति संरक्षण में दे साझेदारी
प्रकृति संरक्षण में दे साझेदारी
Buddha Prakash
रिश्ते
रिश्ते
Rambali Mishra
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
ज़िन्दगी नाम है चलते रहने का।
Taj Mohammad
Loading...