Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2024 · 1 min read

यक्षिणी-18

जीवन और फिल्मों में
कम यक्षिणी-बदन नहीं मिलती सवर्ण अंगनाएँ
मगर मूर्तियां में ये मिलतीं कहां

क्यों नहीं मिलतीं
बताएँ यक्षिणी-ग्राही कलाकार
उन्नत नग्न वक्ष के प्रगतिशील खरीदार!

Language: Hindi
143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all

You may also like these posts

यही तो जिंदगी का सच है
यही तो जिंदगी का सच है
gurudeenverma198
मुखौटा
मुखौटा
Vivek Pandey
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
किसी के इश्क में ये जिंदगी बेकार जाएगी।
सत्य कुमार प्रेमी
आदि गुरु शंकराचार्य जयंती
आदि गुरु शंकराचार्य जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
खुशियों के पल पल में रंग भर जाए,
Kanchan Alok Malu
4743.*पूर्णिका*
4743.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ मौसम का शेर
■ मौसम का शेर
*प्रणय प्रभात*
- वो डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही होगी -
- वो डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही होगी -
bharat gehlot
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
अब तो तुम्हारी मांग में सिंदूर भरने के बाद ही,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्यार और मोहब्बत नहीं, इश्क है तुमसे
प्यार और मोहब्बत नहीं, इश्क है तुमसे
पूर्वार्थ
जीवन में आशीष का,
जीवन में आशीष का,
sushil sarna
मेरे अंतर्मन की पीड़ा
मेरे अंतर्मन की पीड़ा
Dr. Man Mohan Krishna
फूल चुन रही है
फूल चुन रही है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
🌷🌷  *
🌷🌷 *"स्कंदमाता"*🌷🌷
Shashi kala vyas
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
sushil sharma
खड़ा रेत पर नदी मुहाने...
खड़ा रेत पर नदी मुहाने...
डॉ.सीमा अग्रवाल
करपात्री जी का श्राप...
करपात्री जी का श्राप...
मनोज कर्ण
चलते चलते थक गए, अपने सबके पांव।
चलते चलते थक गए, अपने सबके पांव।
Suryakant Dwivedi
सरसी छंद
सरसी छंद
seema sharma
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सबको राम राम राम
सबको राम राम राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
औरत मरने के बाद
औरत मरने के बाद
Arghyadeep Chakraborty
तीन सौ वर्ष की आयु : आश्चर्यजनक किंतु सत्य
तीन सौ वर्ष की आयु : आश्चर्यजनक किंतु सत्य
Ravi Prakash
रचना
रचना
Mukesh Kumar Rishi Verma
दिल में खिला ये जबसे मुहब्बत का फूल है
दिल में खिला ये जबसे मुहब्बत का फूल है
Dr Archana Gupta
सखि री!
सखि री!
Rambali Mishra
नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे
नफ़रतों के जो शोले........,भड़कने लगे
पंकज परिंदा
Loading...