Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2024 · 1 min read

पानी

मर जाता आँख का पानी
इंशा शर्म से पानी पानी।
आँखों से बहता नीर नज़र का
आँसू पानी ही पानी।।

ख़ुशी के जज्बे जज्बात में
छलकता आँसू जिंदगी का मीठा
पानी ही पानी जिंदगानी।।

पानी है तो है प्राणी पानी से ही
प्राणी प्राण।
बिन पानी धरा धरती रेगिस्तान
वनस्पति पेड़ पौधे लापता उड़ती
रेत हवाओं में नज़ारा कब्रिस्तान।।

कब्रिस्तान में सिर्फ दफ़न होता
मरा हुआ इन्शान
रेगिस्तान की मृगमरीचिका में
पानी को भटकता जिन्दा
दफ़न हो जाता जिन्दा इन्शान।।

पानी से सावन का बादल
सावन सुहाना।
सावन की फुहार बरसात की बहार।
पानी धरती का प्राण
अन्नदाता किसान का जीवन अनुराग ।।
बारिस का पानी खेतों में हरियाली खुशहाली की एक एक बूँद
कीमती धरती उगले
सोना उगले हिरा मोती से दुनियां पानी पानी।।
पंच तत्व के अधम सरचना
शारीर में पानी आवश्यक
आधार।
दूध में खून में अस्सी प्रतिसत पानी कही पानी ही पानी
कही बिन पानी सब सून।।

पानी प्यास ही नही बुझाती
जन्म ,जीवन का बुनियाद बनती।।
कही बाढ़ पानी ही पानी
पानी ही पी पी ही मरता इन्शान।
कही सुखा प्यासा भूखा नंगा
मरता इंसान ।।
पानी में परमात्मा पानी से आत्मा
पानी से खूबसूरत कायनात विश्वआत्मा।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
140 Views
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all

You may also like these posts

काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
भगवा रंग में रंगें सभी,
भगवा रंग में रंगें सभी,
Neelam Sharma
भाग  करते   नहीं  घटा  देते
भाग करते नहीं घटा देते
Dr Archana Gupta
"मन का स्पर्श"
।।"प्रकाश" पंकज।।
औरत हूं मैं✍️❣️
औरत हूं मैं✍️❣️
Swara Kumari arya
रख हौंसला की वो पल भी आयेगा
रख हौंसला की वो पल भी आयेगा
Pramila sultan
किताबें
किताबें
Meera Thakur
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
श्री राम।
श्री राम।
Abhishek Soni
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जय श्रीराम !
जय श्रीराम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
"" *महात्मा गाँधी* ""
सुनीलानंद महंत
"बेचारी की फ़ितरत में, राग़ नहीं है ग़म वाला।
*प्रणय*
!! युवा मन !!
!! युवा मन !!
Akash Yadav
अधूरा एहसास(कविता)
अधूरा एहसास(कविता)
Monika Yadav (Rachina)
ढोंगी बाबा से सदा,
ढोंगी बाबा से सदा,
sushil sarna
हम वह लड़के हैं जनाब
हम वह लड़के हैं जनाब
Ritesh Deo
यादगार बनाएं
यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
संस्कारों की रिक्तता
संस्कारों की रिक्तता
पूर्वार्थ
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नवजीवन
नवजीवन
Deepesh Dwivedi
आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
सूरज क्यों चमकता है?
सूरज क्यों चमकता है?
Nitesh Shah
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
प्रकृति में एक अदृश्य शक्ति कार्य कर रही है जो है तुम्हारी स
Rj Anand Prajapati
"कुछ भी नहीं हूँ मैं"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेरणा
प्रेरणा
Sunil Maheshwari
क्या पता...... ?
क्या पता...... ?
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
अंतहीन
अंतहीन
Dr. Rajeev Jain
Loading...