Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

इतिहास हो तुम

चली गई जो छोड़ कर मुझे,
मगर आज भी मेरे पास हो तुम।
मेरी आम सी जिंदगी में,
आज भी सबसे खास हो तुम।

बातें अब नहीं होती तुम्हारी,
मानता हूं मुझसे नाराज़ हो तुम।
मौन हो गया तुम्हारे जाने के बाद,
मगर आज भी दिल की आवाज हो तुम।

बदल गया हूं अब बहुत ज्यादा,
मेरे बदलते अंदाज का इकलैता राज हो तुम।
हजारों ने कोशिश करी हंसाने की पर,
हंसता कैसे जब मेरा इतिहास हो तुम।

© अभिषेक पाण्डेय अभि

9 Likes · 116 Views

You may also like these posts

तू देख, मेरा कृष्णा आ गया!
तू देख, मेरा कृष्णा आ गया!
Bindesh kumar jha
शीत की शब में .....
शीत की शब में .....
sushil sarna
बसंती बहार
बसंती बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हो....ली
हो....ली
Preeti Sharma Aseem
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
ओसमणी साहू 'ओश'
- नायाब इश्क -
- नायाब इश्क -
bharat gehlot
#नारी की वेदना
#नारी की वेदना
Radheshyam Khatik
जीना है तो लड़ना सीखो
जीना है तो लड़ना सीखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चारु कात देख दुनियाँ के सोचि रहल छी ठाड़ भेल ,की छल की भऽ गेल
चारु कात देख दुनियाँ के सोचि रहल छी ठाड़ भेल ,की छल की भऽ गेल
DrLakshman Jha Parimal
यथार्थ
यथार्थ
Shashank Mishra
*साधुता और सद्भाव के पर्याय श्री निर्भय सरन गुप्ता : शत - शत प्रणाम*
*साधुता और सद्भाव के पर्याय श्री निर्भय सरन गुप्ता : शत - शत प्रणाम*
Ravi Prakash
Mother's passion
Mother's passion
Shyam Sundar Subramanian
खुशियों की आँसू वाली सौगात
खुशियों की आँसू वाली सौगात
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भाव गान
भाव गान
Deepesh Dwivedi
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
फूल और भी तो बहुत है, महकाने को जिंदगी
gurudeenverma198
वो सड़क का मोड़
वो सड़क का मोड़
सुशील भारती
दीदी
दीदी
NAVNEET SINGH
आदमी और मच्छर
आदमी और मच्छर
Kanchan Khanna
Inspiring Poem
Inspiring Poem
Saraswati Bajpai
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Madhu Shah
वामा हूं
वामा हूं
indu parashar
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
पूर्वार्थ
किताब में किसी खुशबू सा मुझे रख लेना
किताब में किसी खुशबू सा मुझे रख लेना
Shweta Soni
4 खुद को काँच कहने लगा ...
4 खुद को काँच कहने लगा ...
Kshma Urmila
सावन का महीना
सावन का महीना
Dr. Vaishali Verma
फर्क़ है
फर्क़ है
SURYA PRAKASH SHARMA
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
4214💐 *पूर्णिका* 💐
4214💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*वो पगली*
*वो पगली*
Acharya Shilak Ram
Loading...