Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

खरीददार बहुत मिलेंगे

बाजार में बेपर्दा न बैठो खरीद दार बहुत मिलेंगे
इन अश्कों को न दिखलाओ , तलबगार बहुत मिलेंगे ।

जहां जहां जब भी मैंने , नजर उठाकर देखा
यकी करो हर सिम्त बस तेरे बीमार बहुत मिलेंगे ।

गमों की तिश्नालबी कब तक सिर उठाएगी
उसके सजदे में झुक जाओ चमत्कार बहुत मिलेंगे ।

मत इतराओ कैद हुनर पर , बिना टटोले दुनिया की चाहत
मुकाबला आजमाकर देखो , तुम जैसे फनकार बहुत मिलेंगे

दुनिया की किसी भी महफिल में बेशक चले जाना
हर महफिल मे मेरे ही आशिक ए अशआर बहुत मिलेंगे ।

यूं तो प्रेम के ढाई अक्षर गूढ़ नही पर कठिन बहुत है
गहराई तक उतरो एक बार , ढाई के विस्तार बहुत मिलेंगे ।

मोहब्बत के वादे, जिंदगी के इरादे मजाक या खेल नही
इसकी आग में झुलसते, राह में किरदार बहुत मिलेंगे ।

रात जब आओगे सोने अपने मुलायम बिस्तर पर
सिरहाने मेरी खुशबू में लिपटे सुर्ख गुलाब हर बार मिलेंगे ।

अपने गम जदा की तसकीन, सच्चे इश्क की तस्वीर है
झूठी कसमें खाकर तोड़ने वाले , बे गैरत खुद्दार बहुत मिलेंगे ।

रचयिता
शेखर देशमुख
J-1104, अंतरिक्ष गोल्फ व्यू -2
सेक्टर 78, नोएडा (उ प्र)

Language: Hindi
174 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shekhar Deshmukh
View all

You may also like these posts

* शब्दों की क्या औक़ात ? *
* शब्दों की क्या औक़ात ? *
भूरचन्द जयपाल
"शब्द"
आलोक पांडेय
युग बदल गया
युग बदल गया
Rajesh Kumar Kaurav
व्याकुल हृदय
व्याकुल हृदय
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
"" *मैंने सोचा इश्क करूँ* ""
सुनीलानंद महंत
कोई और था
कोई और था
Mahesh Tiwari 'Ayan'
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
SHAMA PARVEEN
"हौसला "
Rati Raj
बथुवे जैसी लड़कियाँ /  ऋतु राज (पूरी कविता...)
बथुवे जैसी लड़कियाँ / ऋतु राज (पूरी कविता...)
Rituraj shivem verma
3411⚘ *पूर्णिका* ⚘
3411⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
.....बेबस नारी....
.....बेबस नारी....
rubichetanshukla 781
दुख
दुख
Priya Maithil
दुश्मन
दुश्मन
विक्रम सिंह
गीत- नयी हसरत लिए चल तू...
गीत- नयी हसरत लिए चल तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
Luk88 là nhà cái cá cược chuyên nghiệp, cung cấp trải nghiệm
Luk88 là nhà cái cá cược chuyên nghiệp, cung cấp trải nghiệm
LUK88
"जन्म से नहीं कर्म से महान बन"
भगवती पारीक 'मनु'
*थोड़ा समय नजदीक के हम, पुस्तकालय रोज जाऍं (गीत)*
*थोड़ा समय नजदीक के हम, पुस्तकालय रोज जाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लोगों की सोच
लोगों की सोच
Sakshi Singh
- बेहिसाब मोहब्बत -
- बेहिसाब मोहब्बत -
bharat gehlot
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
धार्मिक इतने बनो की तुम किसी का बुरा न कर सको
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दुश्मन जितना भी चालाक हो
दुश्मन जितना भी चालाक हो
Vishal Prajapati
जोकर
जोकर
Neelam Sharma
विषय तरंग
विषय तरंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
याद भी तेरी साथ लाती है।
याद भी तेरी साथ लाती है।
Dr fauzia Naseem shad
मेरे  गीतों  के  तुम्हीं अल्फाज़ हो
मेरे गीतों के तुम्हीं अल्फाज़ हो
Dr Archana Gupta
गुब्बारे
गुब्बारे
विजय कुमार नामदेव
Loading...