Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

हां मैं दोगला…!

हां मैं दोगला …!
अकेलेपन के सामने अकेला ही मैं चल रहा,
हूं मैं एक काफिर ऐसा जिसके काफिले में,
ना बचा अब हौसला…,
हां मैं दोगला…!

उम्मीद लगाई मुझसे ऐसी,
ना जाने क्यूं कैसी कैसी,
कैसे मैं बताऊं उनको,
मेरी रूह न उनके जैसी..।

ना बचा अब हौसला,
हां मैं दोगला..!

भरोसा अब मन में नहीं,
जो उसकी इच्छा, वो ही सही,
मैं तो बस चल रहा हूं,
वो लेकर जा रहा मुझको कही…।

रूक रहा हैं काफिला,
है मैं दोगला…!

Language: Hindi
4 Likes · 153 Views

You may also like these posts

दुनिया
दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
वक़्त
वक़्त
Dinesh Kumar Gangwar
समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
समाचार झूठे दिखाए गए हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023  मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
Shashi kala vyas
शामें किसी को मांगती है
शामें किसी को मांगती है
Surinder blackpen
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
तुम आशिक़ हो,, जाओ जाकर अपना इश्क़ संभालो ..
पूर्वार्थ
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
“समर्पित फेसबूक मित्रों को”
“समर्पित फेसबूक मित्रों को”
DrLakshman Jha Parimal
सच्ची मोहब्बत भी यूं मुस्कुरा उठी,
सच्ची मोहब्बत भी यूं मुस्कुरा उठी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
जिनके घर खुद घास फूंस के बने हो वो दूसरे के घर में माचिस नही
Rj Anand Prajapati
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।
हो न हो हम में कहीं अमरत्व तो है।
Kumar Kalhans
मायका
मायका
Mansi Kadam
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आसमाँ  इतना भी दूर नहीं -
आसमाँ इतना भी दूर नहीं -
Atul "Krishn"
चाय
चाय
Rambali Mishra
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
" असर "
Dr. Kishan tandon kranti
कौन किसकी कहानी सुनाता है
कौन किसकी कहानी सुनाता है
Manoj Mahato
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
4457.*पूर्णिका*
4457.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होती है
होती है
©️ दामिनी नारायण सिंह
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
👍
👍
*प्रणय*
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
डॉ० रोहित कौशिक
गुरु के पद पंकज की पनही
गुरु के पद पंकज की पनही
Sushil Pandey
तो मैं राम ना होती....?
तो मैं राम ना होती....?
Mamta Singh Devaa
मंजिल पहुंचाना जिन पथों का काम था
मंजिल पहुंचाना जिन पथों का काम था
Acharya Shilak Ram
तुम - दीपक नीलपदम्
तुम - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
शौचालय
शौचालय
लक्ष्मी सिंह
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...