Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2023 · 1 min read

दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो

दिल तुम्हारा जो कहे, वैसा करो
लोग क्या सोचेंगे, मत सोचा करो

हो अगर हक़ पर तो अड़ जाया करो
फ़ायदा नुक़सान मत देखा करो

ख़ूबसूरत ये जहाँ हो जाएगा
पहले ख़ुद किरदार को ऊँचा करो

काम आती हैं खुदा के सामने
नेकियाँ दरियाओं में डाला करो

फिर अंधेरे हार जाते हैं सभी
जुगनुओं को ज़हन में पाला करो

एक तरफ़ा फ़ैसला अच्छा नहीं
कुछ तो अच्छा या बुरा सोचा करो

इस तरह मे’यार गिरता है बहुत
रूठने की बात पर रूठा करो

चाँद को अपना बनाना है अगर
चाँदनी के साथ भी बैठा करो

कामयाबी चूमती है फिर क़दम
दिल लगाकर काम को पूरा करो

सर पे अरशद हो अगर तलवार भी
बस खुदा के सामने सजदा करो

©अरशद रसूल बदायूंनी

1 Like · 2 Comments · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

4391.*पूर्णिका*
4391.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संवेदना(कलम की दुनिया)
संवेदना(कलम की दुनिया)
Dr. Vaishali Verma
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
- दोष -
- दोष -
bharat gehlot
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
काली घनी रात में एक हल्की सी रोशनी हिम्मत बढ़ा देती है, उसी
काली घनी रात में एक हल्की सी रोशनी हिम्मत बढ़ा देती है, उसी
ललकार भारद्वाज
फिक्र किसी की कौन अब,
फिक्र किसी की कौन अब,
sushil sarna
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मतदान
मतदान
Neerja Sharma
दो नाव में रहे : हरवंश हृदय
दो नाव में रहे : हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
मुक्तक
मुक्तक
अवध किशोर 'अवधू'
निस्वार्थ प्रेम
निस्वार्थ प्रेम
Shutisha Rajput
Legal Quote
Legal Quote
GOVIND UIKEY
बसंत आने पर क्या
बसंत आने पर क्या
Surinder blackpen
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
चरित्र राम है
चरित्र राम है
Sanjay ' शून्य'
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
ନୀରବତାର ବାର୍ତ୍ତା
ନୀରବତାର ବାର୍ତ୍ତା
Bidyadhar Mantry
मेरा बचपन
मेरा बचपन
Dr. Rajeev Jain
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्यों दोष देते हो
क्यों दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
हिसाब हुआ जब संपत्ति का मैंने अपने हिस्से में किताबें मांग ल
Lokesh Sharma
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Lambi khamoshiyo ke bad ,
Sakshi Tripathi
"" *जीवन आसान नहीं* ""
सुनीलानंद महंत
यारी की तरफदारी
यारी की तरफदारी
विजय कुमार अग्रवाल
समय का निवेश:
समय का निवेश:
पूर्वार्थ
गीत
गीत
Shiva Awasthi
"ना जाने"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...