Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2024 · 1 min read

4391.*पूर्णिका*

4391.*पूर्णिका*
🌷 नखरे तेरा जान गया🌷
22 22 22 2
नखरे तेरा जान गया।
खतरे तेरा जान गया।।
छोटी है सोच तुम्हारी।
कचरे तेरा जान गया ।।
दिन निकले ये जीवन के ।
पचड़े तेरा जान गया ।।
सुधरे सब चाहत अपनी।
बिगड़े तेरा जान गया ।।
निखरेगी दुनिया खेदू।
बिखरे तेरा जान गया ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
20-09-2024 शुक्रवार

128 Views

You may also like these posts

****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
दोहा त्रयी. . . . रिश्ते
दोहा त्रयी. . . . रिश्ते
Sushil Sarna
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Karuna Bhalla
सूर्य देव
सूर्य देव
Bodhisatva kastooriya
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
ये खुदा अगर तेरे कलम की स्याही खत्म हो गई है तो मेरा खून लेल
Ranjeet kumar patre
कब से आस लगाए बैठे हैं तेरे आने की
कब से आस लगाए बैठे हैं तेरे आने की
Jyoti Roshni
देवी स्तुति द्वितीय अंक * 2*
देवी स्तुति द्वितीय अंक * 2*
मधुसूदन गौतम
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
Monika Arora
रोज़ मायूसी से हर शाम घर जाने वाले...
रोज़ मायूसी से हर शाम घर जाने वाले...
Shweta Soni
करता नहीं हूँ फिक्र मैं, ऐसा हुआ तो क्या होगा
करता नहीं हूँ फिक्र मैं, ऐसा हुआ तो क्या होगा
gurudeenverma198
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नेह का घी प्यार का आटा
नेह का घी प्यार का आटा
Seema gupta,Alwar
दो न मुझे
दो न मुझे
sheema anmol
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
शानदार सड़क भोजन
शानदार सड़क भोजन
Otteri Selvakumar
*गर्मी की छुट्टियॉं (बाल कविता)*
*गर्मी की छुट्टियॉं (बाल कविता)*
Ravi Prakash
4543.*पूर्णिका*
4543.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दोहा पंचक. . . . . दम्भ
दोहा पंचक. . . . . दम्भ
sushil sarna
हम तो मर गए होते मगर,
हम तो मर गए होते मगर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Conscience
Conscience
Shyam Sundar Subramanian
नववर्ष
नववर्ष
Neeraj Agarwal
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
Lokesh Sharma
***
*** "आज नदी क्यों इतना उदास है .......? " ***
VEDANTA PATEL
छोटे छोटे सपने
छोटे छोटे सपने
Satish Srijan
कितनी मासूम
कितनी मासूम
हिमांशु Kulshrestha
विश्वास की नाप
विश्वास की नाप
डॉ.सतगुरु प्रेमी
Loading...