Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2023 · 1 min read

सवाल

खाट पर पड़े दो नैनों में, सवाल बस यही एक आया है,
इस इंतज़ार के लम्हों में, कौन अपना कौन पराया है।
जिन अबोधों को शब्द दिया, वाण शब्दों के उन्होंने हीं चलाया है,
जिन पगों को चलना सिखाया, उन्होंने घर के पथ को भुलाया है।
शैय्या पर मृत्यु की आ पड़ा, “तुझे देखे कौन” ये सवाल उठ आया है,
जिसे कंधे पर उठाते ना थका, उसने हीं बोझ बताया है।
विडंबना है काल की ऐसी, कभी शक्तिशाली थी, रुग्ण वो काया है,
काँपते इन हाथों में, क्यों हाथ किसी का ना आया है।
बोझिल हृदय, मौन हैं शब्द, धड़कनों ने पीड़ा को दर्शाया है,
कैसे फूल हैं इस बगिया के, जिन्होंने माली को ठुकराया है।
जीवन के इस विस्मृत क्षण में, स्मृति ने भी झुठलाया है,
लहू जो एक रंग होता था कभी, उसे रंगहीन आज पाया है।

226 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

आँधियों से क्या गिला .....
आँधियों से क्या गिला .....
sushil sarna
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
यूँ तो इस पूरी क़ायनात मे यकीनन माँ जैसा कोई किरदार नहीं हो
पूर्वार्थ
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
ये नसीबा खेल करता जिंदगी मझधार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
है यह भी एक सत्य
है यह भी एक सत्य
उमा झा
इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..!
इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..!
पंकज परिंदा
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
अब घोसले से बाहर निकलने को कहते हो
Trishika S Dhara
मसला
मसला
निकेश कुमार ठाकुर
क्या कहूं अपने बारे में दुश्मन सा लगता हूं कुछ अपनेपन का छौं
क्या कहूं अपने बारे में दुश्मन सा लगता हूं कुछ अपनेपन का छौं
Ashwini sharma
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुक्तक
मुक्तक
डॉक्टर रागिनी
बंद कमरे में
बंद कमरे में
Chitra Bisht
बचपन के दिन...
बचपन के दिन...
जगदीश लववंशी
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
😢महामूर्खता😢
😢महामूर्खता😢
*प्रणय*
"सनद"
Dr. Kishan tandon kranti
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
वियोग आपसी प्रेम बढ़ाता है...
Ajit Kumar "Karn"
जब फैसला लिया तुमने
जब फैसला लिया तुमने
हिमांशु Kulshrestha
एकांत
एकांत
Shally Vij
एक बार
एक बार
Shweta Soni
इक उम्मीद
इक उम्मीद
शिव प्रताप लोधी
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
रावण की गर्जना व संदेश
रावण की गर्जना व संदेश
Ram Krishan Rastogi
किसी का खौफ नहीं, मन में..
किसी का खौफ नहीं, मन में..
अरशद रसूल बदायूंनी
प्यार या तकरार
प्यार या तकरार
ललकार भारद्वाज
4273.💐 *पूर्णिका* 💐
4273.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
ताकि अपना नाम यहाँ, कल भी रहे
gurudeenverma198
ये नोनी के दाई
ये नोनी के दाई
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...