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8 Dec 2023 · 1 min read

चंद अश’आर ( मुस्कुराता हिज्र )

🌺 चंद अश’आर 🌺

याद में उनकी हिज्र भी मुस्कुराने लगा है ।
इश्क़ अब अपनी जादूगरी दिखाने लगा है ।।

फ़र्क था उनकी…… कथनी और करनी में ।
वो बेवफ़ा मुझे अब.. वफ़ा सिखाने लगा है ।।

जिसकी नज़रों में था मोल खिलौनों जितना ।
शख़्स वही अब…. मरासिम निभाने लगा है ।।

ख़ुश है…. मुझे दफ़नाकर तन्हाई की क़ब्र में ।
वो मिरे वजूद को.. दुनिया से मिटाने लगा है ।।

©डॉ. वासिफ़ काज़ी , इंदौर
©काज़ी की क़लम
28/3/2 , अहिल्या पल्टन, इंदौर ( मप्र )

4 Likes · 1 Comment · 978 Views

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