Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2024 · 1 min read

ज़िन्दगी ख़्वाब हमको लगती है

ज़िन्दगी ख़्वाब हमको लगती है
अब हक़ीक़त पे हो यक़ीं कैसे
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

2 Likes · 52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
ख़बर थी अब ख़बर भी नहीं है यहां किसी को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती (राधेश्यामी छ
*गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
हम भारत के वीर प्रवर हैं, भारत नया बनायेंगे ।
हम भारत के वीर प्रवर हैं, भारत नया बनायेंगे ।
अनुराग दीक्षित
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संसार
संसार
Dr. Shakreen Sageer
रिश्ता
रिश्ता
अखिलेश 'अखिल'
खेल
खेल
राकेश पाठक कठारा
सुबह
सुबह
indravidyavachaaspatitiwari
दिया है हमको क्या तुमने
दिया है हमको क्या तुमने
gurudeenverma198
तुम समझ पाओगे कभी
तुम समझ पाओगे कभी
Dhananjay Kumar
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
कृष्णकांत गुर्जर
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सच्चाई की डगर*
सच्चाई की डगर*
Rambali Mishra
"समय"
Dr. Kishan tandon kranti
रामां!  थ्हांरै  रावळै, दूर  होय  सब  वै'म।
रामां! थ्हांरै रावळै, दूर होय सब वै'म।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आजाद ...
आजाद ...
sushil sarna
*संवेदनाओं का अन्तर्घट*
*संवेदनाओं का अन्तर्घट*
Manishi Sinha
बादलों की आवाज आई वह खड़ी थी वहां पर एक बूंद ऊस पर भी गि
बादलों की आवाज आई वह खड़ी थी वहां पर एक बूंद ऊस पर भी गि
अश्विनी (विप्र)
दोहे
दोहे
s.g.n.30360
I had to learn to take care of myself, to slow down when nee
I had to learn to take care of myself, to slow down when nee
पूर्वार्थ
देहाती कविता
देहाती कविता
OM PRAKASH MEENA
कविता-कूड़ा ठेला
कविता-कूड़ा ठेला
Dr MusafiR BaithA
राम
राम
Sanjay ' शून्य'
4471.*पूर्णिका*
4471.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खोटा सिक्का....!?!
खोटा सिक्का....!?!
singh kunwar sarvendra vikram
इक ऐसे शख़्स को
इक ऐसे शख़्स को
हिमांशु Kulshrestha
नहीं हम भूल पाएंगे
नहीं हम भूल पाएंगे
डिजेन्द्र कुर्रे
जेब खाली हो गई तो सारे रिश्ते नातों ने मुंह मोड़ लिया।
जेब खाली हो गई तो सारे रिश्ते नातों ने मुंह मोड़ लिया।
Rj Anand Prajapati
तानाशाहों का अंज़ाम
तानाशाहों का अंज़ाम
Shekhar Chandra Mitra
"New year की बधाई "
Yogendra Chaturwedi
Loading...