Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2024 · 1 min read

निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।

निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।
मूकअभिव्यक्ति को पहचानने के लिये अंतस्थ भावना की आवश्यकता होती है।

1 Like · 2 Comments · 59 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
कौन पैदा हुआ कौन मरा, बुद्ध संकल्पना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
*सॉंसों में जिसके बसे, दशरथनंदन राम (पॉंच दोहे)*
Ravi Prakash
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
प्रकृति! तेरे हैं अथाह उपकार
ruby kumari
हौसलों के पंख तू अपने लगा
हौसलों के पंख तू अपने लगा
Sudhir srivastava
उपकार माईया का
उपकार माईया का
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
दुनियां का सबसे मुश्किल काम है,
Manoj Mahato
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
Rj Anand Prajapati
I want to collaborate with my  lost pen,
I want to collaborate with my lost pen,
Sakshi Tripathi
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
Rajesh Kumar Arjun
#हिंदी_दिवस_विशेष
#हिंदी_दिवस_विशेष
*प्रणय*
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
संवरिया
संवरिया
Arvina
हमेशा सब कुछ एक जैसा नहीं रहता ,
हमेशा सब कुछ एक जैसा नहीं रहता ,
पूर्वार्थ
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
Rambali Mishra
सूरज बहुत चढ़ आया हैं।
सूरज बहुत चढ़ आया हैं।
Ashwini sharma
अनुभूति
अनुभूति
डॉ.कुमार अनुभव
खोने को कुछ भी नहीं,
खोने को कुछ भी नहीं,
sushil sarna
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
जो राम हमारे कण कण में थे उन पर बड़ा सवाल किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आऊंगा एक दिन,
आऊंगा एक दिन,
डी. के. निवातिया
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
कोशिश मेरी बेकार नहीं जायेगी कभी
gurudeenverma198
" सवाल "
Dr. Kishan tandon kranti
सच जानते हैं फिर भी अनजान बनते हैं
सच जानते हैं फिर भी अनजान बनते हैं
Sonam Puneet Dubey
मित्रता
मित्रता
Rajesh Kumar Kaurav
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
तुझ से मोहब्बत से जरा पहले
तुझ से मोहब्बत से जरा पहले
इशरत हिदायत ख़ान
विषय-माँ,मेरा उद्धार करो।
विषय-माँ,मेरा उद्धार करो।
Priya princess panwar
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
लक्ष्मी सिंह
मेरी कविता, मेरे गीत, मेरी गज़ल बन चले आना,
मेरी कविता, मेरे गीत, मेरी गज़ल बन चले आना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिलोरे लेता है
हिलोरे लेता है
हिमांशु Kulshrestha
Loading...