Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jun 2023 · 1 min read

*सीधे-सादे चलिए साहिब (हिंदी गजल)*

सीधे-सादे चलिए साहिब (हिंदी गजल)
———————————
1
सीधे-सादे चलिए साहिब
ज्यादा नहीं उछलिए साहिब
2
कुर्सी चार दिनों की होती
फिर संध्या-से ढलिए साहिब
3
चालाकी में क्या रक्खा है
भोलों को मत छलिए साहिब
4
थोड़ा-सा ही समय बचा है
अब तो जरा सॅंभलिए साहिब
5
फँसे रहे जो दुनिया ही में
कल हाथों को मलिए साहिब
6
कोहिनूर क्या जिसके आगे
उसके लिए मचलिए साहिब
———————————
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

380 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

मातृदिवस
मातृदिवस
Satish Srijan
जिनको लगता है की ये पहाड़ जैसी ज़िंदगी सिर्फ़ प्यार मुहब्बत
जिनको लगता है की ये पहाड़ जैसी ज़िंदगी सिर्फ़ प्यार मुहब्बत
पूर्वार्थ देव
सुबह का मंजर
सुबह का मंजर
Chitra Bisht
ये दिल किसे माने : अपने और बेगाने ?
ये दिल किसे माने : अपने और बेगाने ?
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
"समझा करो"
ओसमणी साहू 'ओश'
Every day true love...।
Every day true love...।
Priya princess panwar
AI का रोजगार पर प्रभाव
AI का रोजगार पर प्रभाव
अरशद रसूल बदायूंनी
नव वर्ष (गीत)
नव वर्ष (गीत)
Ravi Prakash
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
"पारंपरिक होली और भारतीय संस्कृति"
राकेश चौरसिया
धुप साया बन चुकी है...
धुप साया बन चुकी है...
Manisha Wandhare
पति और पत्नि की लगाम
पति और पत्नि की लगाम
Ram Krishan Rastogi
वो दिन
वो दिन
Naman kumar Jaswal
इश्क
इश्क
Ruchika Rai
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
बिखर गए ख़्वाब, ज़िंदगी बेमोल लूट गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
परिवार होना चाहिए
परिवार होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जी चाहता है .. (ग़ज़ल)
जी चाहता है .. (ग़ज़ल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
होली खेलन पधारो
होली खेलन पधारो
Sarla Mehta
"देश-हित"
Dr. Kishan tandon kranti
सतगुरु
सतगुरु
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दोहा पंचक. . . . . शब्द
दोहा पंचक. . . . . शब्द
sushil sarna
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
विकास शुक्ल
परछाई
परछाई
Dr Archana Gupta
4235.💐 *पूर्णिका* 💐
4235.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नव वर्ष का आगाज़
नव वर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
भूल गए हैं
भूल गए हैं
आशा शैली
प्रेम में राग हो तो
प्रेम में राग हो तो
हिमांशु Kulshrestha
हर चीज़ पर जल्दबाज़ी न करें..समस्या यह है कि आप अपना बहुत अध
हर चीज़ पर जल्दबाज़ी न करें..समस्या यह है कि आप अपना बहुत अध
पूर्वार्थ
आया बाढ़ पहाड़ पे🙏
आया बाढ़ पहाड़ पे🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...