Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2022 · 2 min read

मोहब्बत की दर्द- ए- दास्ताँ

ख्वाबों के टूटते ही,
आज मेरे आँसूं इस कदर बह रहे हैं…….
बिना कुछ बोले मेरे, मोहब्बत की दर्द- ए- दास्ताँ कह रहे हैं।
ये दर्द जो दिल में छिपा है…..
अब ज़िंदगी को न किसी से गिला है।
जीने का कोई आसरा न रहा……
ख़ुशियों से कोई वास्ता न रहा।
आँसूं बह रहे हैं दरियाँ बनके…..
वो दिल में रह रहे हैं, प्यार का ज़रिया बनके।
इन ख्वाहिशों से कितनी दूर चली गयी ज़िंदगी…..
न जाने क्यों, उसकी बातों में झलकती थी एक अलग – सी सादगी।
आज मेरे अरमाँ अश्क बनके बह रहे हैं…..
बिना कुछ बोले मेरे, मोहब्बत की दर्द- ए- दास्ताँ कह रहे हैं।
टूटते हुए दिल की सिसकियाँ कह रही हैं बार- बार…..
भले ही शामिल न हो सके वो मेरी जिंदगी में,
मगर एक दिन होगा ज़रूर दीदार।
कुछ यूँ, वो मेरी जिंदगी में आये…..
कि इन आँखों को एक अजीब- सी चाहत होने लगी,
उन्हें सामने पाकर इस दिल को एक राहत होने लगी,
मोहब्बत की आदत कुछ इस कदर होने लगी,
यकीनन……
उस रब से भी पहले पूरी शिद्दत से सिर्फ उसी की इबादत होने लगी।
अचानक ही यूँ बिखर गये मेरे अरमाँ,
और आज मेरे आँसूं इस कदर बह रहे हैं…..
बिना कुछ बोले मेरे, मोहब्बत की दर्द- ए- दास्ताँ कह रहे हैं।
जो होना था हो गया…..
जो खोना था खो गया।
टूटता तारा देख मन्नत यही माँगती हूँ…..
इस दिल की उस दिल से मुलाकात माँगती हूँ।
बहुत खूबसूरत हो ज़िंदगी तुम्हारी…..
दुआ यही दिन- रात माँगती हूँ।
एतबार है अपनी मोहब्बत पर…..
एक दिन बहुत पछताओगे।
फ़िर लौट, मेरे पास ही आओगे,
मगर अफ़सोस……
ज़िंदगी में सुबह नहीं, शाम लिखी थी।
अचानक ही…..
ज़िंदगी की कश्ती डूब गयी,
आज ये साँसें हमेशा के लिए छूट गयी।
हाँ, अब मैं न रही…..
ये मोहब्बत जिंदा रहेगी,
दास्ताँ इस सच्ची मोहब्बत की ये दुनिया याद रखेगी।
वक़्त के रहते समझ न सके…..
जब मेरी ज़िंदगी की शाम ढल गयी,
तो लाश बनके आँसूं उसके बह रहे हैं……
बिना कुछ बोले मेरे, मोहब्बत की दर्द- ए- दास्ताँ कह रहे हैं।
_ ज्योति खारी

17 Likes · 18 Comments · 884 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

लिखावट - डी के निवातिया
लिखावट - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय प्रभात*
हमदर्द
हमदर्द
ललकार भारद्वाज
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
विश्व धरोहर हैं ये बालक,
विश्व धरोहर हैं ये बालक,
पंकज परिंदा
गुनगुनी धूप
गुनगुनी धूप
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
प्रेम का परिचय शादी होती, तो रुक्मणी की जगह राधा होती, सच्चे
प्रेम का परिचय शादी होती, तो रुक्मणी की जगह राधा होती, सच्चे
पूर्वार्थ देव
स्वर्ग-नर्क प्रमाण
स्वर्ग-नर्क प्रमाण
Shyam Sundar Subramanian
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
Dr. Upasana Pandey
चॉकलेट से भी मीठा है तेरा प्यार,
चॉकलेट से भी मीठा है तेरा प्यार,
srikanth dusija
कोरोना
कोरोना
विशाल शुक्ल
चुनौतियों और परेशानियों से डरकर
चुनौतियों और परेशानियों से डरकर
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
Suryakant Dwivedi
पीड़ा किसको चाहिए कौन लखे दुख द्वेष ।
पीड़ा किसको चाहिए कौन लखे दुख द्वेष ।
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहना ही है
कहना ही है
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
🌻    Stay Motivate  🌻
🌻 Stay Motivate 🌻
पूर्वार्थ
~हृदय पर दोहे ~
~हृदय पर दोहे ~
Vijay kumar Pandey
पूंछ टूटी तो आदमी हो जाओगे
पूंछ टूटी तो आदमी हो जाओगे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सुपारी"
Dr. Kishan tandon kranti
खुश रहें मुस्कुराते रहें
खुश रहें मुस्कुराते रहें
PRADYUMNA AROTHIYA
ऊ बा कहाँ दिलदार
ऊ बा कहाँ दिलदार
आकाश महेशपुरी
आप खामोश क्यों हो
आप खामोश क्यों हो
gurudeenverma198
विश्व हिंदी दिवस
विश्व हिंदी दिवस
Ram Krishan Rastogi
जिंदगी से सामना
जिंदगी से सामना
Paras Nath Jha
टापू
टापू
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
"नन्हे" ने इक पौधा लाया,
Priya Maithil
खुशामद की राह छोड़कर,
खुशामद की राह छोड़कर,
Ajit Kumar "Karn"
International Day Against Drug Abuse
International Day Against Drug Abuse
Tushar Jagawat
3859.💐 *पूर्णिका* 💐
3859.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
जिन्दगी में फैंसले और फ़ासले सोच समझ कर कीजिएगा !!
Lokesh Sharma
Loading...