Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
8 Mar 2022 · 1 min read

मोहब्बत की उम्मीद

जो मैं चाहता हूं
वो कहता ही नहीं है
कैसे समझाऊं उसे
वो समझता ही नहीं है।।

जो हकीकत है
उसपर पर्दा नहीं है
जो मैं देखता हूं
वो देखता ही नहीं है।।

है सपना मेरा बस एक
जाने क्यों वो भी पूरा होता नहीं है
नहीं गुजरता एक भी दिन
जब दिल उसके लिए रोता नहीं है।।

कभी नजरों से नज़र
उससे मिलती ही नहीं है
उसकी नज़र में क्योंकि
मेरे लिए इश्क है ही नहीं है।।

नहीं मानता दिल
इसमें उसकी गलती नहीं है
कुछ तो बात होती है
मोहब्बत यूं ही पलती नहीं है।।

है नादान वो भी
उसकी भी गलती नहीं है
कैसे हां कह दे वो भी
जब उसको मोहब्बत नहीं है।।

जब होगी मोहब्बत
फिर वो छुपाये छुपती नहीं है
लाख कोशिश करले
कोई, फिर वो रुकती नहीं है।।

करूंगा इन्तज़ार उसका
जो मुझसे मोहब्बत करती नहीं है
उसके दिल में भी मेरे लिए
जबतक मोहब्बत पलती नहीं है।।

Loading...