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5 Feb 2024 · 1 min read

ऋतुराज बसंत

-ऋतुराज बसंत

बसंत ऋतु का हो रहा आगमन
आने लगी गर्माहट सर्दी हुई कम।
प्रकृति में बसंत का अद्भुत वर्णन
रंग बिखेर धरा लगने लगेगी दुल्हन।
बागों में कोयल कूके सुहाना है मौसम
खेतों में झूम रही होकर तैयार फसल।
कलरव कर पंख फैलाकर नाप रहे गगन
प्रकृति में लगे चार चांद सुहाना होगा मौसम।
भौंरे गुंजेंगे,सुरम्य, सरस होने वाला वातावरण
उतरेगी ठिठुरन जब मन भावनी लगेगी पवन।
सुंदरता चहुं ओर मिलेगा खुशनुमा भरा आनन्द
पत्तों फूलों से आने वाली है मिठास सनी सुगंध।
तन्मयता से कर्मठ होगा मानव जब मन हो मुग्ध
प्रकृति में नव ऊर्जा उमंग को होगा पुनः आगमन।
पतझड़ बीतें बहार छाए आने वाला है बसंत
ऋतुओं में उत्तम सुरमई कहते इसे ऋतुराज बसंत।
-सीमा गुप्ता, अलवर राजस्थान

Language: Hindi
2 Likes · 127 Views
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