Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2022 · 1 min read

आप हमको जो पढ़ गये होते

हौसलों का पता नहीं चलता ।
वक़्त से हम जो डर गये होते ।।

समझ एहसास तुम गये होते ।
दर्द लफ़्ज़ों में गढ़ गये होते ।।

ज़िंदगी तेरा हक़ अदा करके ।
अपनी नज़रों में उठ गये होते ।।

कुछ भी हममें अधूरा न रहता ।
आप हमको जो पढ़ गये होते ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

9 Likes · 169 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

अधूरापन
अधूरापन
Dr. Rajeev Jain
World Hypertension Day
World Hypertension Day
Tushar Jagawat
દુશ્મનો
દુશ્મનો
Otteri Selvakumar
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
Indu Singh
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
तक़दीर का क्या, कभी रूठी, कभी संभल गई
Shreedhar
हावी - ए - इश्क़बाज़ी
हावी - ए - इश्क़बाज़ी
Rj Anand Prajapati
बड़ा कौन
बड़ा कौन
Sanjay ' शून्य'
वक़्त गुज़रे तो
वक़्त गुज़रे तो
Dr fauzia Naseem shad
मेरी प्रतिभा
मेरी प्रतिभा
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बचपन
बचपन
OM PRAKASH MEENA
कवियों का अपना गम...
कवियों का अपना गम...
goutam shaw
काश !!..
काश !!..
ओनिका सेतिया 'अनु '
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
हसरतों की भी एक उम्र होनी चाहिए।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
भारत का बजट
भारत का बजट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
धुंध कुछ इस तरह छाई है
धुंध कुछ इस तरह छाई है
Padmaja Raghav Science
-चरवेति-चरवेति आया 2024
-चरवेति-चरवेति आया 2024
Seema gupta,Alwar
पुष्प वाटिका में श्री राम का समर्पण
पुष्प वाटिका में श्री राम का समर्पण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
झुर्रियों तक इश्क़
झुर्रियों तक इश्क़
Surinder blackpen
"यायावरी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मैं निकल गया तेरी महफिल से
मैं निकल गया तेरी महफिल से
VINOD CHAUHAN
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
gurudeenverma198
मेरा प्यार
मेरा प्यार
Shashi Mahajan
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
Bhupendra Rawat
एक सवाल जिंदगी से...(सयाली छंद)
एक सवाल जिंदगी से...(सयाली छंद)
पं अंजू पांडेय अश्रु
हमारी प्यारी हिंदी
हमारी प्यारी हिंदी
पूनम दीक्षित
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
Phool gufran
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
तड़ाग के मुँह पर......समंदर की बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"कैसे व्याख्या करूँ?"
Dr. Kishan tandon kranti
आपन गांव
आपन गांव
अनिल "आदर्श"
Loading...