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7 Mar 2024 · 1 min read

“यायावरी” ग़ज़ल

कोई फ़क़ीर, दीवाना, या, यायावर कहिये,
हूँ जिसका अश्रु, मुझे उसका नामाबर कहिये।

मेरी जानिब से, कभी भी किसी का दिल न दुखे,
मिले लहज़े से गर सुकूँ, तो चारागर कहिये।

है अहतराम, आफ़ताब का, वाजिब, फिर भी,
सलाम जुगनुओं को, दिन में, बराबर कहिये।

भला हो हर किसी का, माँगता यही रब से,
सही लगे, तो भले मुझको, दुआगर कहिये।

सदाक़तोँ ने, सँवारा है, मेरी, क़ुव्वत को,
करे न बात जो हक़ की, उसे कायर कहिये।

नहीं है ख़ौफ़, ज़माने के, व्यँग-बाणों का,
इश्क़ करता हूँ, तो आशिक़ ही सरासर कहिये।

मुझे न उज़्र, कहें आप, कुछ भी, पर “आशा”,
शेर अच्छा है गर, तब तो मुझे, शायर कहिये..!

यायावर # घुमन्तू, wanderer
नामाबर # सँदेशवाहक, messenger
चारागर # हक़ीम, healer, doctor etc.
अहतराम # आदर, respect
आफ़ताब # सूर्य, sun
दुआगर # दुआ देने वाला, making prayers for someone.
उज़्र # एतराज, objection

Language: Hindi
6 Likes · 16 Comments · 195 Views
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