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15 Feb 2022 · 1 min read

चाहिए खुशियां तुम्हारी

तुम नदी हो मैं हूं प्यास तुम्हारी
हर वक्त आती है ये याद तुम्हारी
तुमने मुझे कल जब देखा नहीं
तब से हो गया हूं उदास प्यारी।।

खफा क्यों हो गए मुझसे तुम
मानता हूं मैं तो हर बात तुम्हारी
ऐसा तो तुम कभी करते थे नहीं
क्या चल रही मुझे छोड़ने की तैयारी।।

कोई बात नहीं है गर यही इच्छा तुम्हारी
स्वीकार है मुझे ये, जो है इसमें खुशी तुम्हारी
मान गया हूं मैं, देखकर ये तल्ख तेवर तुम्हारे
लगता नहीं मुझे अब होगी मुलाकात हमारी।।

लग रहा है तुमको शायद ये आज
मैं नहीं दे पा रहा तुम्हें खुशियां तुम्हारी
मेरे लिए तो ज़रूरी है खुशियां तुम्हारी
चाहे उसमें न हो कोई जगह हमारी।।

होगी मुझे खुशी और भी ज्यादा
बस आयेगी जिंदगीभर याद तुम्हारी
पल पल बीते तुम्हारा हंसता हुआ हमेशा
और आए न कभी तुम्हें याद हमारी।।

तेरी इन आंखों में न कभी आए आंसू
मिले तुझे इस जहां की खुशियां सारी
चेहरे पर न कभी आए शिकन तुम्हारे
रहो हंसते मुस्कुराते है ये दुआ हमारी।।

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