Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2021 · 1 min read

” एक मलाल है “

कल जो नकाब में थे ,
आज वो बेनकाब है ।
कल जो साथ में थे ,
आज वो सिर्फ याद में है ।
हमारी मासूमियत भी तेरी तलबदार है ,
बस यही एक मलाल है !

मेरी नज़रों का धोखा है ,
या तु सच में बेमिसाल है ।
हमें तो सिर्फ तुझसे प्यार है ,
ये रंग – रूप और अस्तित्व तो सिर्फ काला बाज़ार है ।
माना , वो विधाता ही सबसे बड़ा कलाकार है ,
पर तेरे चेहरे भी तो हजार हैं ,
बस यही एक मलाल है !

इस काली दुनिया में ,
सतरंगी सिर्फ प्यार है ।
मौत के द्वार पर खड़े हैं ,
फिर भी अधुरी ख्वाहिशें हजार हैं ‌।्
हां , तेरी नियत ही दगाबाज है ‌,
बस यही एक मलाल है !

Language: Hindi
4 Likes · 347 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all

You may also like these posts

कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
Ranjeet Kumar Shukla- kanhauli
हाजीपुर
मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है
मेरा शहर कहीं ग़ुम हो गया है
Atul "Krishn"
मधुमेह गीत
मधुमेह गीत
प्रदीप कुमार गुप्ता
हम  चिरागों  को  साथ  रखते  हैं ,
हम चिरागों को साथ रखते हैं ,
Neelofar Khan
अति भाग्यशाली थी आप यशोदा मैया
अति भाग्यशाली थी आप यशोदा मैया
Seema gupta,Alwar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Vijay kumar Pandey
लहरों पर चलता जीवन
लहरों पर चलता जीवन
मनोज कर्ण
4225.💐 *पूर्णिका* 💐
4225.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गुजर गया कोई
गुजर गया कोई
Surinder blackpen
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
रक्षाबंधन के दिन, भैया तू आना
gurudeenverma198
धूप थी छाँव थी फूलों की बेशुमार बहार थी।
धूप थी छाँव थी फूलों की बेशुमार बहार थी।
Madhu Gupta "अपराजिता"
दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं। एक सूखा खाकर
दुनिया में दो तरह के लोग पाए जाते हैं। एक सूखा खाकर "सुखी" र
*प्रणय प्रभात*
मकरसंक्रांति
मकरसंक्रांति
Dr Archana Gupta
बहुत झुका हूँ मैं
बहुत झुका हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
ग्रीष्म ऋतु --
ग्रीष्म ऋतु --
Seema Garg
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mukesh Kumar Sonkar
रणचंडी बन जाओ तुम
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"हां, गिरके नई शुरुआत चाहता हूँ ll
पूर्वार्थ
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
वक्त की कद्र करो
वक्त की कद्र करो
Sakshi Singh
इसलिए भी मेरे ख़ूँ में वतन-परस्ती आई है
इसलिए भी मेरे ख़ूँ में वतन-परस्ती आई है
Trishika Dhara
उड़ परिंदे
उड़ परिंदे
Shinde Poonam
गाय
गाय
Vedha Singh
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
* सुन्दर झुरमुट बांस के *
surenderpal vaidya
महाकुंभ : संगम स्नान
महाकुंभ : संगम स्नान
पं अंजू पांडेय अश्रु
बस्तर का राजमहल
बस्तर का राजमहल
Dr. Kishan tandon kranti
लालू
लालू
विशाल शुक्ल
आशाएं
आशाएं
Saurabh Kadam
If our kids do not speak their mother tongue, we force them
If our kids do not speak their mother tongue, we force them
DrLakshman Jha Parimal
Loading...