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19 May 2020 · 1 min read

शीर्षक: खतरनाक है लालच

एक कहावत याद है आई
तुझको आओ बताऊँ
दादा, बाबा कहते थे जो
वो आओ तुम्हें सुनाऊँ

लालच बुरी बला है भाई
ना मानो तो कर के देखो
जिसने भी है किया ज़रा
जाकर उनका घर देखो

सबसे बुरी है एक ही जो
चलो आदत तुम्हें बताऊँ
आओ बैठे दम भरने
मैं चिलम में आग लगाऊँ

एक तरह से मानो तो
ए नहीं बुरी है आदत
लेकिन लालच से ही
देखो उपजी है ए लत

कर जोड़ निवेदन करता है
शैलेन्द्र सुनो मेरे भाई
नशा से हरपल रहना दूर
नहीं मिलती कहीं दवाई

नशा बड़ा ही है घातक
तभी उपजे लालच मन में
आते हैं कई बुरे ख्याल
नशे से ही जेहन में -2

✍?पंडित शैलेन्द्र शुक्ला
?writer_shukla

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 296 Views

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