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8 May 2024 · 1 min read

लिखा है किसी ने यह सच्च ही लिखा है

लिखा है किसी ने यह सच ही लिखा है
किसी की खुशी कोई कब देखा है

यहाँ देते हैं गम मोहब्बत के बदले
या इल्ज़ाम देंगे शराफत के बदले
दिल तोड़ कर हर कोई फेंकता है
किसी की खुशी कोई कब देखा है

मुँह मोड़ के पल में रस्ता बदल लें
रस्ता ही क्या पूरी दुनिया बदल लें
यह सारा जहां एक बहरूपिया है
किसी की खुशी कोई कब देखा है

कीमत बड़ी है इस जहां में हुस्न की
कीमत चुकाते सब यहाँ पे इश्क की
कोई देखता है तो मिलती सजा है
किसी की खुशी कोई कब देखा है

सब रूठ जाते हैं बिना कुछ कहे ही
चले जाते हैं सब बिना कुछ कहे ही
ना प्यार ना ही बेरुखी का पता है
किसी की खुशी कोई कब देखा है

हमने भी चाहा था जहां में किसी को
दिल-विल दिया था यहाँ पे किसी को
मगर क्या पता था कि वह बेवफा है
किसी की खुशी को कोई कब देखा है

स्वरचित
V9द चौहान

2 Likes · 134 Views
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