Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Nov 2017 · 1 min read

मौसम

मौसम
————-

चले जो पुरवईयाँ ,
अंग -अंग सिहर जाए
काम -धाम छोड़ के ,
गोरी खड़ी इतराए
मौसम सारे बारि -बारि
आए
पिया का संदेशा दे
दूर -दूर भागि जाए
गर्मी पड़े जब
स्वेद उपरि से नीचौ बहे
जाए
दग्ध बदन ऐसो हो जाए
जैसे फीवर कूद
मचाए
इन्तजार रहे कूलर ,पंखे को
प्राण जा इन्हीं समाए
सौतन बन गई बिजुलि
बारि-बारि आए और जाए
बीज़ना खड़ा खड़ा कहे
अब तो प्यारे मुझको
बुलाए
हाल -बेहाल हुआ है
जन -मन अकुलाए
ऐसे में तो याद चौमासा आए
मानसून खड़े है टेक छड़ी
हाय -हाय है रही है
अब तो कोई बारिस
लाए

~~डॉ मधु त्रिवेदी ~~

Language: Hindi
75 Likes · 1 Comment · 551 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
कर ही बैठे हैं हम खता देखो
Dr Archana Gupta
गलतियां सुधारी जा सकती है,
गलतियां सुधारी जा सकती है,
Tarun Singh Pawar
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
कन्यादान
कन्यादान
Mukesh Kumar Sonkar
*कैसे हार मान लूं
*कैसे हार मान लूं
Suryakant Dwivedi
रंग बरसे
रंग बरसे
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
.........?
.........?
शेखर सिंह
खुदा कि दोस्ती
खुदा कि दोस्ती
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दिल में एहसास
दिल में एहसास
Dr fauzia Naseem shad
" सब भाषा को प्यार करो "
DrLakshman Jha Parimal
मेरा नसीब
मेरा नसीब
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
❤️ मिलेंगे फिर किसी रोज सुबह-ए-गांव की गलियो में
शिव प्रताप लोधी
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
रेल दुर्घटना
रेल दुर्घटना
Shekhar Chandra Mitra
पिता एक सूरज
पिता एक सूरज
डॉ. शिव लहरी
एक नया अध्याय लिखूं
एक नया अध्याय लिखूं
Dr.Pratibha Prakash
घास को बिछौना बना कर तो देखो
घास को बिछौना बना कर तो देखो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जुनून
जुनून
DR ARUN KUMAR SHASTRI
24, *ईक्सवी- सदी*
24, *ईक्सवी- सदी*
Dr Shweta sood
* नई दृष्टि-परिदृश्य आकलन, मेरा नित्य बदलता है【गीतिका】*
* नई दृष्टि-परिदृश्य आकलन, मेरा नित्य बदलता है【गीतिका】*
Ravi Prakash
उनसे कहना ज़रा दरवाजे को बंद रखा करें ।
उनसे कहना ज़रा दरवाजे को बंद रखा करें ।
Phool gufran
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"चैन से इस दौर में बस वो जिए।
*Author प्रणय प्रभात*
आज वक्त हूं खराब
आज वक्त हूं खराब
साहित्य गौरव
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
Manisha Manjari
गैस कांड की बरसी
गैस कांड की बरसी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Bikhari yado ke panno ki
Bikhari yado ke panno ki
Sakshi Tripathi
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
मेरे भी थे कुछ ख्वाब
Surinder blackpen
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Sukoon
Loading...