ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
कलियुग की संतानें
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
‘ विरोधरस ‘---4. ‘विरोध-रस’ के अन्य आलम्बन- +रमेशराज
कुछ भी होगा, ये प्यार नहीं है
__________सुविचार_____________
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ (कुंडलिया)