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9 Jul 2023 · 1 min read

जुनून

डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त

* जुनून *

मेरी फितरत मरेगी तो
मेरा जुनून भी जाएगा मर ।
तूझे प्यार करना होगा
मुझसे इन्हीं हालात में
मैं जैसा हूँ मेरी जाने जिगर ।
बदल जाना तो बहुत आसां हैं
बदल जाते हैं लोग आसानी से ।
मेरी फितरत मरेगी तो
मेरा जुनून भी जाएगा मर ।
सिखाया है मुझे मेरे वालदेन ने ।
बदलते हालात में बदलना मत ।
बनूँगा हीरो से जीरो मैं
मिरी किस्मत भी बदल जाएगी ।
मेरी फितरत मरेगी तो
मेरा जुनून भी जाएगा मर ।
अरे वो आदमी कैसा ,
जो पल – पल में बदल जाए ।
भरे हो रंग गिरगिट के ।
और तूफ़ान से डर जाए ।
मिरी फितरत ही तो
मेरी इकलौती पहचान है जग में ।
मेरी फितरत मरेगी तो
मेरा जुनून भी जाएगा मर ।

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