Posts Poetry Writing Challenge-2 210 authors · 4349 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 35 Next ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read मुसाफिरखाना इन विरानों में रौनक, कुछ पल ही ठहर पाते हैं। आते हैं कुछ बेबस से, पुरजोश हो लौट जाते हैं। बसर नहीं करते ये मुसाफिर, पहले ही आजमाते हैं। चंद... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 109 Share Buddha Prakash 16 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर घन -घोर घटा जब छा गए, रिमझिम-रिमझिम बारिश आ जाये, बरसात का टूटा शैलाब, बादल फाटा ये हुआ आपदा, बढ़ गयी नदियों में जल की तादाद, बिस्तार हुआ और आ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · प्रकृति की छाव में 1 160 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "हाल ए ओश" हमसे ज्यादा हमें जानने पर, जिस जिस पे हमें गुरूर हुआ। एक पल में वो हमसे अजनबी, दूजे पल ही हमसे दूर हुआ। अश्कों से भी ऐसी अनबन, ख़ुद पे... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 93 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read हट जा भाल से रेखा गीत हट जा हट जा भाल से रेखा, ओ मेरी तकदीर देख लिया संसार यह तेरा, क्या किसकी तस्वीर।। लिख लिख काग़ज़ हम धर लेबे, जावें खुली किताब मोर पंख... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 150 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे" मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे, तेरा बार बार अहसास दिलाना तोड़ जाता है। सब कुछ भूल देखती हूं नए सपने, सपनों में भी तेरा आना झकझोर जाता हैं। हर... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 2 107 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "मिल ही जाएगा" छेद न रहा कश्ती में तो किनारा मिल ही जाएगा। भेद न रहा अपनो में तो सहारा मिल ही जाएगा। तो क्या हुआ जो पहली दफा धोखा हुआ, ये दुनिया... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 2 107 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "चाहत" मैं तुम्हें नहीं, तुम्हारी खुशी चाहती हूं। वक्त की बर्बादी नहीं, बेहतर जिंदगी चाहती हूं। न तुम बुरे न तुम्हारी सोच बुरी, बुरे हाल में भी तुम्हारी बेहतरी चाहती हूं।... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 106 Share Neeraj Agarwal 16 Feb 2024 · 1 min read मन की पीड़ा क शीर्षक - मन की पीड़ा ***************** सच तो मन की पीड़ा होती हैं। जीवन और जिंदगी में इच्छा होती हैं। न अपना न पराया बस मन की सोच होती हैं।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 184 Share अखिलेश 'अखिल' 16 Feb 2024 · 1 min read जनतंत्र जनतंत्र Poetry Writing Challenge-2 2 173 Share अखिलेश 'अखिल' 16 Feb 2024 · 1 min read संवेदनहीन संवेदनहीन Poetry Writing Challenge-2 3 147 Share अखिलेश 'अखिल' 16 Feb 2024 · 1 min read ज़माना जमाना Poetry Writing Challenge-2 165 Share अखिलेश 'अखिल' 16 Feb 2024 · 1 min read डर डर Poetry Writing Challenge-2 162 Share अखिलेश 'अखिल' 16 Feb 2024 · 1 min read फ़साने फ़साने Poetry Writing Challenge-2 140 Share पूर्वार्थ 16 Feb 2024 · 2 min read जिंदगी और वक्त जिंदगी में एक बात तो समझ में आई है की आप भले ही कितने ही समझदार हो या आप कितने ही प्रेक्टिकल हो कितना भी हर बात को अच्छे से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 75 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read व्यंग्य क्षणिकाएं अनकही 1. बरसों से यह मकान खुला नहीं है चाट गई दीमक,कोई मिला नहीं है।। 2. संबंध कपूर है आरती तक जला फिर काफ़ूर है।। 3. बहुत दिनों से कोई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 178 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read शब्दों की रखवाली है गीत शब्द हमारे मन का चित्रण शब्दों की हरियाली है जब भी शब्द झरे अधरों से शब्दों की रखवाली है ।। शब्द सुमन अर्पण यह जन का अभिलाषा उद्बोधन का... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 1 225 Share Suryakant Dwivedi 16 Feb 2024 · 1 min read हां राम, समर शेष है आज भी वही सागर है वही जिद रास्ता नहीं दूंगा युगों से यही तो हो रहा है कोई किसी को रास्ता नहीं देता मार्ग, पथ, रास्ता सबकी अपनी गति है...... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 210 Share ज्योति 16 Feb 2024 · 2 min read ” मजदूर की जुबानी “ गाते हैं मजदूर की कहानी , अपनी कल्पना और अपनी वाणी आज सच्चे मजदूर की जुबानी , सुनते हैं हम एक उनकी कहानी । रात भले ही अंधेरे में गुजरे... Poetry Writing Challenge-2 1 141 Share Roopali Sharma 15 Feb 2024 · 1 min read स्त्री हो तुम ! स्त्री हो तुम ! पंखों की ख्वाहिश् रखती हो ऊँची उड़ान् भरना चाहती हो सुनो.....स्त्री हो तुम ! भर कर विश्वास की उड़ान् अपने पंखों का सम्मान करना । शिक्षा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 93 Share Chunnu Lal Gupta 15 Feb 2024 · 1 min read !! ये सच है कि !! सजा रिश्तों के गुलदस्ते वो घर को घर बनाती है बहाकर प्रेम की गंगा हमें चलना सिखाती है अनेकों रंग फूलों के पिरो माला बनाती है सदा दुश्वारियां सहकर हमें... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 161 Share अनुराग दीक्षित 15 Feb 2024 · 1 min read मेरे अधरों का राग बनो । मेरे अधरों का राग बनो कर दो कुसुमित जीवन उपवन दे विहंस चपल चंचल चितवन सौन्दर्य रूप विरचित तन मन सुरभित मृदु मधुर पराग बनो मेरे अधरों का राग बनो... Poetry Writing Challenge-2 101 Share अनुराग दीक्षित 15 Feb 2024 · 1 min read इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम। इस तरह रक्षाबंधन मनायेंगे हम। अपनी बहनों को रक्षा का देवें वचन नेह सिंचित करें उनके घर का चमन कल को रह जाय ना पर्व बन कर रसम पूर्ण मन... Poetry Writing Challenge-2 135 Share Buddha Prakash 15 Feb 2024 · 1 min read मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को भूमि अपनी हो गयी मैली, होती थी उपजाऊ और सुनहली, स्वस्थ मृदा मे बोते थे बीज, लालच मे पड़ कर खाते है विष, रासायनिक उर्वकों का उपयोग, जहरीले कीटनाशको का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · प्रकृति की छाव में 2 152 Share Chunnu Lal Gupta 15 Feb 2024 · 1 min read !! शिव-शक्ति !! •• काशी नगरी त्रिशूल धरे शशि माथे पर मुस्कान भरे गंगाजी जटा से बहें झर-झर जग के जैसे, सब पाप हरे विष रोक हलाहल ग्रीवा में 'प्रभु' देवन के उद्धार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 251 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 15 Feb 2024 · 1 min read जीवन मर्म नीर के तीर पर खड़े हो कर देखो नीर को तीर पर आते हुए फिर स्वयं से कुछ सवाल करो कौतूहल को अन्दर के तुम शान्त करो जैसे आती लहर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · संस्मरण 187 Share Neeraj Agarwal 15 Feb 2024 · 1 min read कागज़ ए जिंदगी *शीर्षक - कागज ए जिंदगी* ********************* सच तो कागज ए जिंदगी होती हैं। हम तुम प्रेम चाहत आकर्षण रखते हैं। बस न हम संग साथ निभाने वाले होते हैं। कागज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 158 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * सामने आ गये * ** गीतिका ** ~~ सामने आ गये मुस्कुराते हुए। जल उठे हैं ह्रदय में अनेकों दिए। अब हमें यह पता चल गया क्या कहें। हम निशा में भटकते हुए क्यों... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 1 149 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 15 Feb 2024 · 1 min read मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए मुझ को किसी एक विषय में मत बांधिए हुं मैं एक कवि बस इतना सा ही जानिए मैं लिखुंगा किसी के अन्तर्मन की वेदना मैं लिखुंगा किसी के मौन की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 146 Share Seema gupta,Alwar 15 Feb 2024 · 1 min read मां कृपा दृष्टि कर दे मां शारदे अपनी कृपा दृष्टि कर दे हे! वीणा पाणिनी वर दे माँ, विद्या बुद्धि यश दे माँ । ज्ञान सुधा रस दे माँ, हे! जग जननी देवी शारदे माँ,... Poetry Writing Challenge-2 1 161 Share Chunnu Lal Gupta 15 Feb 2024 · 1 min read !! हे उमां सुनो !! हे उमां सुनो, हो भाग्यवती प्रभुवर'वर'आज़ तुम्हारे हैं गले में विषधर की माला नीलकंठ बने पी विष प्याला शशि माथे पर चमकें चम-चम शिव मस्त मलंग निराले हैं हे उमां... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · चुन्नू लाल गुप्ता 1 962 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 15 Feb 2024 · 1 min read कुछ लोग शहर के बीचों बीच तंग गलियारों में रहते हैं कुछ लोग दिखने में लोगों जैसे पर लोगों से परे है कुछ लोग सिटी में सटी सटी सी बस्तियों में रहते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 158 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 15 Feb 2024 · 1 min read मृत्यु शैय्या मृत्यु शैय्या पर जब आ जाओगे सोचो क्या क्या जी जाओगे चार उम्रो के लेखे होंगे शैय्या पर भी अकेले होंगे जीवन क्षण में क्षरण मृत्यु का वरण होगा सांसों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · जीवन दर्शन 160 Share Seema gupta,Alwar 15 Feb 2024 · 1 min read मन माही Main Logo मन माही प्रीत पिया प्रेम रंग से रंगी बात नित नेह वचन से कही रोज रोज ये सुनकर मै...प्रिय प्रियतम निखरती दिनों-दिन जा रही जैसे चांद से चांदनी... Poetry Writing Challenge-2 93 Share इंजी. संजय श्रीवास्तव 15 Feb 2024 · 1 min read प्रेम प्रभु का प्रेम में अपने भिगो ले मुझको कभी अलग नही हो पाऊं मैं मैं तेरे बिन ओ मेरे मालिक हाड़ मांस का पुतला हूं ना कुछ आए ना कुछ सीखा कठपुतली... Poetry Writing Challenge-2 73 Share सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज ' 15 Feb 2024 · 1 min read लोग जाने किधर गये अवशेष शेष बचे यादों के लोग जाने किधर गये जो थे खास बहुत वो लोग जाने किधर गये अधरों पर है अब मौन लोग जाने किधर गये खुल कर मिलते... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · संस्मरण 2 176 Share Buddha Prakash 15 Feb 2024 · 1 min read पेड़ से कौन बाते करता है ? मूक बाधिर जीवित , इन पेड़ से कौन बातें करता है? कौन पूछता इनका हाल , जिनके फल-फूलों से जग पलता है, गर्मी में जो छाया देते, सर्दी में लकड़ी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 1 144 Share Rajesh Kumar Kaurav 15 Feb 2024 · 1 min read नववर्ष (व्यंग्य गीत ) नववर्ष (व्यंग्य गीत ) दिनकर जी क्या खूब लिखा ये नया वर्ष स्वीकार नहीं है पर देखो ये भारतीय जन कहना कभी मानता नहीं है चार हजार वर्ष पहले ही... Poetry Writing Challenge-2 133 Share Bodhisatva kastooriya 15 Feb 2024 · 1 min read अनुराग मुझे तुमसे अनुराग कितना है? पुष्प में मीठा पराग जितना है!! भ्रमर स्वादन चाहे कितना करे, पुनर्निर्माण का सम्भाग उतना है!! मुझे तुमसे... माँ की ममता दूध से बहती है... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 141 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 15 Feb 2024 · 1 min read *तेरी ख़ुशबू* तुझे पहचान लेता हूँ मैं ख़ुशबू से तेरी इंतज़ार है मुझे आज भी तू होगी जब बाहों में मेरी देखता हूँ जब भी मैं आँखों में तेरी खो जाता हूँ... Poetry Writing Challenge-2 · Best Poetry · Hindi · कविता 86 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 15 Feb 2024 · 1 min read *क्या तुम्हें पता है* कैसे कटेगा सफ़र ज़िंदगी का अकेला बहुत हूं क्या तुम्हें पता है जीने की मेरी अब जो एक ही चाह है वो याद तेरी है क्या तुम्हें पता है सुन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · दोहा 2 1 593 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 15 Feb 2024 · 1 min read *कांटों की सेज* आंखों में आसूं उदासी बहुत है आज जो मेंरे टूटे है सपने गैरों की बातें करूं क्या तुझसे दूर हो गए है अब मेरे अपने कोई नहीं है साथ मेरे... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi · Poetry · कविता 111 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 15 Feb 2024 · 1 min read * सुखम् दुखम * डा. अरुण कुमार शास्त्री / एक अबोध बालक / अरुण अतृप्त शीर्षक – सुखम् दुखम घृणा तुम्हारी कुछ काम न आएगी जिन्दगी को तो वो छु ही न पाएगी खून... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 121 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 15 Feb 2024 · 2 min read *तंजीम* डॉ अरुण कुमार शास्त्री -एक अबोध बालक- अरुण अतृप्त । ” तंज़ीम ” प्रथा से ही प्रगति की दीवार लाँघ कर प्रशस्ति के नए नए आयाम सर किये जायेंगे ।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 123 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 15 Feb 2024 · 1 min read *बदले नहीं है आज भी लड़के* भोर हो गई उठते नहीं है रात को देर से सोते ये लड़के चार दिनों तक बदले न कपड़े बदले नहीं है आज भी लड़के जाते हैं कॉलेज पर पढ़ते... Poetry Writing Challenge-2 · Best Poetry · Hindi · कविता · हिन्दी कविता 5 2 862 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * हो जाओ तैयार * ** गीतिका ** ~~ हो जाओ तैयार, कठिन पथ पर चलना है। मत करना आराम, अहर्निश जब बढ़ना है। ऊंचे शिखर विशाल, चुनौती देंगे हमको। कर लेंगे सब पार, जोश... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · रोला छंद 1 1 105 Share DR ARUN KUMAR SHASTRI 15 Feb 2024 · 2 min read *रेल हादसा* डॉअरुण कुमार शास्त्री * रेल हादसा * ये मौत भी अजीबो हसीन चीज़ है, जब इसको दखल देना होगा, तो ये नहीं देखती कोई भी जगह कोई भी समा। रेल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 135 Share सुरेन्द्र शर्मा 'शिव' 15 Feb 2024 · 1 min read *इंसानियत का कत्ल* इंसान को हैवान बनते देखा है अब तुम्हें क्या कहूं मैं वहशी दरिंदों! देखकर क्रूरता तुम्हारी शर्मसार हो गया हूं मैं शर्मसार है माँ भारती जिसकी धरापर ये कुकृत्य हुआ... Poetry Writing Challenge-2 · Best Poetry · कविता 3 1 1k Share Mamta Rani 15 Feb 2024 · 1 min read माँ सरस्वती वीणावादिनि ज्ञान की देवी अपनी करुणा बरसा देना बुद्धि विवेक और सद्बुद्धि का ज्ञान हममें तु जगा देना निर्मल मन हो वाणी सुंदर हृदय में बस प्रेम भरा हो क्षल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 192 Share Dr .Shweta sood 'Madhu' 15 Feb 2024 · 1 min read 21 उम्र ढ़ल गई *उम्र ढ़ल गई* धीरे-धीरे उम्र ढ़ल गई, यह जिन्दगी ना जाने... कितने किस्सों में बंट गई। सोच का हर अंश... वक़्त के साथ संवर गया, चेहरे पर झुर्रियों की लिखावट...... Poetry Writing Challenge-2 126 Share उमा झा 15 Feb 2024 · 1 min read क्या बनाऊँ आज मैं खाना क्या बनाऊँ आज मैं खाना, मन को लगे जो अति सुहाना। घर में है रखा आलू, बैगन, गोभी, टमाटर, पालक साग, संग रखा है कई दाल का दाना, क्या बनाऊँ... Poetry Writing Challenge-2 116 Share Previous Page 35 Next