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15 Feb 2024 · 1 min read

मेरे अधरों का राग बनो ।

मेरे अधरों का राग बनो

कर दो कुसुमित जीवन उपवन
दे विहंस चपल चंचल चितवन
सौन्दर्य रूप विरचित तन मन
सुरभित मृदु मधुर पराग बनो

मेरे अधरों का राग बनो ।

यौवन अभिरंजित रंग नीर
मिट जाती अन्तस बसी पीर
मन देख तुम्हें होता अधीर
यूं ना मद मादक फाग बनो

मेरे अधरों का राग बनो ।

है कैसा ये सौन्दर्य बोध
कर सकता इस पर कौन शोध
क्षण भंगुर जीवन का प्रवाह
अनुभूति सुखद अनुराग बनो

मेरे अधरों का राग बनो ।

Language: Hindi
51 Views
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